दोस्तों आज गुरु पूर्णिमा का पर्व है । वो दिन – जब हम अपने गुरु के चरणों में अपने मन को , अपने अहंकार को , यहाँ तक कि अपनी आत्मा को भी उनके सामने समर्पित कर देते है । वैसे तो आज के दिन पूरे देश में यह पर्व मनाया जा रहा है । परंतु मेरा मानना है कि हम उन सबसे ज्यादा भाग्यशाली और खुश किस्मत लोग है । जिन्होंने धरती पर स्थित साढ़े तीन करोड़ तीर्थो के गुरु कहलाने वाले पुष्कर तीर्थ में जन्म लिया है ।
आज हर कोई अपनी सामर्थ्य के अनुसार अपने गुरु के श्री चरणों में श्रद्धा भाव से गुरु दक्षिणा अर्पित कर रहे है । तो क्या हम पुष्कर के जन प्रतिनिधि , यहाँ के आला अधिकारी , पवित्र सरोवर की पूजा अर्चना करवाकर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले हजारो तीर्थ पुरोहित , पुष्कर आने वाले श्रद्धालुओं से रोजी रोटी कमाने वाले व्यापारी और आम नागरिक अपने तीर्थ गुरु को गुरु दक्षिणा के रूप में स्वच्छ एवम् पवित्र सरोवर का निर्माण करके नहीं दे सकते ।
मेरा मानना है की यदि इच्छा शक्ति मजबूत हो तो किसी भी मुश्किल को हल किया जा सकता है । यदि पुष्कर में आस्था रखने वाले सभी लोग एक मन से पुष्कर सरोवर में जाने वाले गंदे पानी की रोकथाम करने का संकल्प ले ले और मन में यह दृढ़ निश्चय कर ले की चाहे कुछ भी हो जाए अब हम सरोवर में गंदे पानी का जाना बर्दाश्त नहीं करेंगे । भले ही इसके लिए सरकार और प्रशासन से ही क्यों ना लड़ना पड़े । यदि हर एक पुष्कर का नागरिक पुरजोर तरीके से इसके लिए आवाज उठायें तो यह समस्या हमेशा हमेशा के लिए ख़त्म की जा सकती है ।
अब समय आ गया है जब हम सब पुष्कर तीर्थ के लिए , इसकी अस्मिता के लिए , इसकी स्वच्छता और मर्यादा के लिए अपनी चुप्पी तोड़कर प्रशासन और राज्य सरकार के पास पुरजोर तरीके से आवाज उठाये और इसके स्थायी समाधान के लिए रास्ता खोजे । दोस्तों हम सब का अस्तित्व और पहचान पवित्र सरोवर से ही है । लेकिन जब हमारे अन्नदाता और आराध्य देव का ही अस्तित्व खतरे में हो तो हम चैन से कैसे रह सकते है ।
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आज तीर्थ गुरु पुष्कर राज आप सभी की और आशा भरी नजरो से देख रहे है और गुरु दक्षिणा के रूप में वे पवित्र जल को स्वच्छ बनाने का सपना देख रहे है । उन्हें विश्वास है की उनकी छत्र छाया में पलने वाले सभी पुष्कर वासी , तीर्थ पुरोहित , जनप्रतिनिधि उनकी पीड़ा को समझकर उन्हें गंदे पानी से जरूर मुक्ति दिलवायेंगे और अपनी गुरु दक्षिणा का ऋण जल्द ही उतारेंगे ।
*अब यह आप पर है की आप अपने तीर्थ गुरु के चरणों में गुरु दक्षिणा कब और कैसे अर्पित करते है ।*
*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ़ नेशन*
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मो. 9828171060
पुष्कर के बारे में यह सोच प्रशंसनीय है. गंदा पानी तीर्थराज में ना जाये इसके लिए नागरिको को ही ज्यादा जागरूक होना पडेगा.