सहायक कमांडेंट रोहित चौधरी ने बढ़ाया अजमेर का गौरव

राष्ट््रीय सुरक्षा गारद में रहते पाया डी.जी कम्मन्डेशन सम्मान
पठानकोठ आतंकी हमले में बतौर ग्रुपहैड किया ऑपरेशन

Rohit Choudhary2अजमेर, 27 अगस्त। अजमेर के सपूत सहायक कमांडेंट एनएसजी रोहित चौधरी को पठानकोट ऑपरेशन के लिए डी.जी कम्मन्डेशन से सम्मानित किया गया है। रोहित चौधरी को यह सम्मान हाल ही में 18 अगस्त को एनएसजी हैडक्वार्टर मनेसर, दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट््रीय सुरक्षा गारद के महानिदेशक आर सी तायल ने प्रदान किया।
जानकारी के अनुसार रोहित चौधरी ने पठानकोट आतंकी हमले से निपटने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बतौर टीम लीडर रोहित चौधरी ने जान की परवाह किए बिना अपने अद्म्यसाहस अपने दायित्व के प्रति उच्च कोटि की निष्ठा और राष्ट्र सेवा भाव रखते हुए अपने कार्य को सफलतम अंजाम दिया।
उल्लेखनीय है कि रोहित चौधरी अजमेर के सेंट एन्सलम्स सीनियर सैकंडरी स्कूल का विद्यार्थी रहा है। रोहित अपने विद्यार्थी काल से ही बेहद होनहार रहा है। उसने 5 बार टेबल-टेनिस में स्टेट चैम्पियनशिप जीती है वहीं दो बार क्लस्टर चैम्पियन रहा है। राजकीय महाविद्यालय अजमेर से रोहित ने अपनी स्नातक व स्नातकोत्तर शिक्षा अर्जित की और संघ लोक सेवा आयोग, दिल्ली के जरिए चयनित होकर बी.एस.एफ में सहायक कमान्डेंट बन गया।
कहते हैं कि पूत की पैर पालने में ही दिख जाया करते हैं। रोहित के साथ ऐसा ही हुआ। टेकनपुर बीएसएफ छावनी में एक साल का प्रशिक्षण अर्जित करने के दौरान ही रोहित के साहस और वीरता के चर्चे होने लगे थे। उसकी योग्यता और दक्षता को देखते हुए उसे पहली पोस्टिंग ही तंगधार कुपावड़ा जैसे अति संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रा में हुई। यहां तीन साल तक अपनी सेवा का सफलतम प्रदर्शन करते हुए रोहित ने जाबांजी के अनेक कारनामे कर दिखाए। यहां से रोहित को इण्डो बांगलादेश जैसे दूसरे संवेदनशील बोर्डर इलाके में तैनात कर दिया गया। रोहित ने यहां भी अपनी वीरता और साहस का परचम फहराया। दो साल तक यहां तैनात रहने के बाद रोहित का चयन नेशनल सुरक्षा गारद यानी की एन.एस.जी के लिए हो गया। एन.एस.जी में चयन प्रक्रिया कितनी जटिल है यह किसी से छिपी नहीं है। हजारों में से चंद जांबाज नौजवान ही इसमें चुने जाते हैं। एन.एस.जी में रहते रोहित को अभी एक साल भी नहीं हुआ कि 1 जनवरी 2016 में पठानकोट में हुए आतंकी हमले के विरुद्ध चलाए गए ऑपरेशन में ग्रुपहैड की हैसियत से रोहित को मोर्चा संभालने भेजा गया। रोहित ने यहां अपनी ड्यूटी का बखूबी अंजाम दिया।
गौरतलब है कि देश का यह सपूत रोहित चौधरी अजमेर के जाने माने प्रमुख एनेस्थेसिया विशेषज्ञ डॉक्टर जितेन्द्र चौधरी के बेटे हैं।

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