रावत+रावत-राजपूत+धर्मपूत+मेहरात+काठात+चीता
@ रावत
हम सभी जब मूलरूप से केवल रावत ही है पर दिखावे की झूठी रजपूती, स्वार्थी समाज के ठेकेदार और असली-नकली के साथ साथ ऊंचे-नीचे के भेदभाव ने एक बहुसंख्यक रावत समाज को गोत्र और क्षेत्र ही नही बल्की धर्म के आधार पर कई टुकडों में आज बांट दिया है। घरवापसी या परावर्तन का जो शुभकाम है वो केवल और केवल रावत ही कर सकते है। बाकी भले वो कोई भी प्रादेशिक, राष्ट्रीय या अंतराष्ट्रीय संस्था ये श्रेय लेना चाहे तो यह कभी संभव ही नही होगा। पर घरवापसी का ढिढोरा पीटने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधि अपनी दूकानदारी जमाने और राजनीति चमकाने से ज्यादा कुछ करते नजर नही आते है और तो और संस्थाओ के प्रतिनिधि भी गैर रावत ही बन बैठे है। जिन्हे भला रावत समाज और रावत धर्मपूत मेहरात काठात चीता से दूर दूर तक कोई सरोकार नही है। अब रावत-मेहरात आरक्षण की मांग बंद हो, जब हम सब रावत ही है तो केवल रावत आरक्षण की ही मांग हो। अगर सरकार रावतो को SBC में 5% आरक्षण लागू कर दे तो सारी बिमारी स्वत ही खत्म हो जाये। इस आरक्षण के मुद्द पर अगर RSS, VHP, BJP व कांग्रेस वाले साथ दे तो संभव हो सकता है, इस संबंध में मैन कई उच्च पदाधिकारियो से बात की है। उन्होने जल्दी ही सकारात्मक जवाब देने की बात कही।अब ब्यावर विधायक शंकरसिंह रावत ने मेहरात काठातों की घरवापसी पर गत दिनो अजमेर से प्रकाशित हलचल मासिक मैग्जीन में घरवापसी का बयान जारी किया, जिसे अब मेहरात काठातों की घरवापसी की आस जगी, विधायक रावत से भरी हुंकार।
-ब्रजपालसिंह रावत “कालिंजर”
vidhyak g. aapni salh apne hi pas rakhana aap khud bigde kathat ho aap hame qya sikha rahe ho