भगवान ब्रम्हा जी के आदेश से ही इन्द्र देव ने बनाई पुष्कर सरोवर से दूरी

◆ *क्या स्वयं ब्रम्हा जी ही नहीं चाहते सरोवर को पानी से भरना •••*

राकेश भट्ट
राकेश भट्ट
जी हां आज यह सवाल ना सिर्फ पुष्कर के तीर्थ पुरोहितो बल्कि हर आम नागरिक की जुबान पर है कि क्या स्वयं ब्रम्हा जी ही नहीं चाहते उनके सरोवर को पानी से भरा जाये , क्या उन्होंने उस इंद्रदेव को जो पूरे देश के सत्तर फीसदी इलाको में बाढ़ और बारिश से तबाही मचा चुका है उसे यहाँ से दूरी बनाये रखने के विशेष निर्देश दिए है ।

आखिर क्या वजह है की मानसून आने के दो महीने बाद भी पुष्कर का पवित्र सरोवर पानी को तरस रहा है ,

आखिर क्या वजह है की देश के अधिकाँश इलाके बाढ़ और भारी बारिश की चपेट में है और पवित्र पुष्कर सरोवर में केवल नाम मात्र का एक फ़ीट पानी ही आ पाया है ।

वो भी तब *जब यहाँ पर दो दो बार इंद्र आव्हान यज्ञ संपन्न हो चुके है , पुष्कर के ब्राम्हण पुरोहितो द्वारा बारिश की कामना के लिए सारे भैरव मंदिरो का अभिषेक किया जा चुका है , राज्य में अच्छी बारिश के लिए स्वयं राजस्थान की मुख्यमन्त्री वसुंधरा राजे के निर्देश पर देवस्थान विभाग यहाँ के शिव मंदिरो में सहस्त्राभिषेक करवा चुका है । इतना ही नहीं स्थानीय तीर्थ पुरोहित हर रोज भगवान ब्रम्हा जी से सरोवर को लबालब करने की प्रार्थना कर रहे है ।* लेकिन इतने सारे जतन करने के बाद भी सरोवर में पानी नहीं आना साफ़ संकेत करता है की स्वयं ब्रम्हा जी ही नहीं चाहते है की यहाँ पर बारिश का पानी आये ।

इसकी वजह भी बहुत ही स्पष्ट है की जब जब बारिश आती है तब तब शहर की गन्दगी और सीवरेज का पानी भी उसके साथ सरोवर में पहुँच जाता है । केंद्र और राज्य सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर तो रही है लेकिन उन योजनाओ पर जो केवल उसे बाहरी तौर पर सुन्दर बना सकते है । परंतु आज दिन तक ऐसा कोई प्रयास यहाँ के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों द्वारा नहीं किया गया जिसके चलते सरोवर में जाने वाले गंदे पानी की रोकथाम की जा सके ।

*यहाँ के नेताओ और आला प्रशासनिक अधिकारीयो के पास इस समस्या को हमेशा हमेशा के लिए ख़त्म करने के लिए ना तो विस्तृत प्लान है और ना ही कोई वैकल्पिक योजना । जाहिर है जब सरकार , प्रशासन और जन प्रतिनिधि जगत पिता के एकमात्र तीर्थ के प्रति ही गंभीर नहीं है तो फिर उसका रास्ता स्वयं ब्रम्हा जी को ही निकालना पडेगा । हो सकता है इसलिए इस बार पुष्कर क्षेत्र पर मानसून मेहरबान नहीं हुआ ।*

क्यों की यदि यहाँ पर अच्छी बारिश आती तो हर बार सरोवर में पानी के साथ साथ भारी मात्रा में गन्दगी भी जाती । को कतई सही नहीं है । यह शायद पिछले 15 , 20 सालो में पहला मौका होगा जब पूरा मानसून सत्र बीत गया और सरोवर में पानी की आवक नहीं हुई । यह निश्चित रूप से जगतपिता ब्रम्हा का गुस्सा ही है । वे स्वयं भी शायद यही चाहते है । तभी तो हमेशा उनका द्वारपाल बनकर सेवा में तैनात रहने वाले इंद्र देव ने पुष्कर को छोड़कर देश के लगभग हर इलाके को पानी से लबालब कर दिया लेकिन यहाँ बारिश नहीं की ।

*मेरा राजस्थान सरकार , प्रशासनिक अधिकारियो और स्थानीय जनप्रतिनिधियो से आग्रह है की अभी भी समय है सबसे पहले पुष्कर सरोवर को हमेशा हमेशा के लिए गन्दगी से मुक्त बनाने की विस्तृत योजना बनाकर शुरू की जाए । यहाँ से जुड़े करोड़ों श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होने से बचाने की कोशिश की जाये । बाहर स्वच्छता रखने से ज्यादा जरूरी अपने आराध्य देव की अंतरात्मा को शुद्ध किया जाये । तभी सही मायनो में पुष्कर का समग्र विकास होना संभव हो सकेगा । और हम सब हमारे पवित्र तीर्थ पर गौरवान्वित होकर सच्चे मन से उनकी आराधना कर सकेंगे ।*

*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ़ नेशन*
*मो 9828171060*

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