अमृत कोर अस्पताल बना दलालो की शरणस्थली

हेमेन्द्र सोनी
हेमेन्द्र सोनी
अमृत कोर अस्पताल A श्रेणी के अस्पतालों में शुमार हे, और कई अन्य उपाधिया भी इससे जुडी हे, आस पास के कई गावो के मरीजो के लीये ये नजदीक में सबसे बड़ा अस्पताल होने के कारण भी इसका महत्व अधिक हे । लेकिन जिन्हें हम धरती का भगवान मानते हे वही लोग पहले से ही परेशान चल रहे मरीजो और उनके परिजनों का खून चूसने के लिए गिद्ध दृष्टि लगाए मोके की ताक में रहते हे ।
जहा एक तरफ शहर में चल रहे 2 सोशियल मीडिया ग्रुप के माध्यम से शहर के युवा मरीजो को इमरजेंसी में रक्त उपलब्ध करवाने के लिए संगठित हो कर वाट्स अप ग्रुप चला रहे हे, जिसके कारण अभी तक कई गंभीर मरीजो को कई बार रक्त उपलब्ध कराया जा चुका हे और कई बार ग्रुप एडमिन खुद भी अपना रक्त उपलब्ध करवा कर मरीजो की जान बचाने की जान बचाने का मानवीय कार्य कर चुके हे ।
लेकिन इसके उपरान्त भी शुक्रवार 23 सितम्बर को फिर एक बार खून का दलाल पकड़ा गया । पिछले 2 माह में पकड़ा गया ये तीसरा केस हे लेकिन अस्पताल इंचार्ज अभी भी अपनी आँखे मुंद के उन्हें संरक्षण देने में लगे हे उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं जा रही हे ना ही अभी तक उनके खिलाफ पुलिस थानेे में कोई केस दर्ज कराया गया, जिससे दलालो के होंसले और बुलंद हो रहे हे घटना के कुछ दिन बाद दलाल फिर सक्रिय हो जाते हे । कभी कभी तो लगता हे की बिना स्टाफ की मिली भगत के किसी भी दलाल के होंसले इतने बुलंद नहीं हो सकते ।
अभी कुछ दिन पहले गायनिक वार्ड में सुविधा शुल्क वसूलने की घटना सामने आ चुकी हे, इसके पहले भी सुविधा शुल्क वसूलने की कई घटनाये हो चुकी हे ।
सरकार से मोटी मोटी तनख्वाह पाने वाले डाक्टरों द्वारा भी अपनी लालची मानसिकता का परिचय भी समय समय पे दिया जाता हे जिसमे अपनी मन पसन्द दुकान से दवाई खरीदना, पसन्द की लेब से एक्सरे, खून, व अन्य जांचे करवाने का दबाव बनाना, अभी कुछ दिन पहले भी एक बच्चे के डाक्टर द्वारा अपनी चहेती लेब से ब्लड ग्रुप और अन्य जांचे करवाने के लिए दबाव बनाया गया और उस लेब ने बिना ट्रेंड टेक्नीशियनों के अपने लेब से गलत जांच रिपोर्ट देने और बच्चे की जान को खतरे में डालने की घटना सामने आ चुकी हे जिस कारण डाक्टर के घर पे और लेब पे काफी हंगामा भी हुवा था और यह घटना अखबारो की सुर्खियां भी बनी ।
ऐसी कई घटनाये आये दिन सामने आती हे जिस कारण अमृत कोर अस्पताल की सांख पे बुरा असर पड़ रहा हे, किन्तु इतना होने के बावजूद भी प्रशासन द्वारा जांच रिपोर्ट को ठन्डे बस्ते में डाल कर और गुनहगारो के खिलाफ कार्यवाही नहीं कर दलालो का होसला बढ़ाने का कार्य किया जा रहा हे । पिछले दिनों नाली में मिले भूर्ण की जांच का क्या हश्र हुवा हम सभी जानते हे इसमें भी दोषियों को बचाने के लिए कार्य किया जा रहा हे , कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनो द्वारा इस केश पे खुलाशा करने का दबाव भी बनाया गया लेकिन अस्पताल प्रबंधक और जांच समिति की कार्य प्रणाली से सभी परिचित हे ।
ब्यावर उपखण्ड के इस A श्रेणी के अस्पताल की सेवाओ में गुणवत्ता पूर्ण सुधार करने के लिए यहाँ पे जितने भी डाक्टर और नर्सिंग स्टाफ जो पिछले 3 से 5 वर्षो से अधिक टिका हुवा हे उसका तुरन्त स्थानांतरण कर नए लोगो को ज्वाइन कराने से ही सुधार सम्भव हे ।
*मरीज की दुवाये ले बददुवाये नहीं*
*हेमेन्द्र सोनी @ BDN ब्यावर*

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