जैसी कि चर्चा है कि वरिष्ठ भाजपा नेता ओम प्रकाश माथुर को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, अजमेर नगर परिषद के पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत उर्फ लाला बन्ना की किस्मत चमक सकती है। मेयर चुनाव में पार्टी से बगावत करने के कारण हालांकि वे अभी भाजपा में नहीं हैं, मगर नगर निगम मेयर धर्मेन्द्र गहलोत से व्यक्तिगत रूप से सुलह के बाद उनके भाजपा में आने का रास्ता सुगम हो गया है। सब जानते हैं कि लाला बन्ना ओम प्रकाश माथुर के करीबी हैं, ऐसे में यह उम्मीद जाहिर की जा रही है कि माथुर के मुख्यमंत्री बनते ही उनकी भी वैल्यू बढ़ जाएगी।
मनोनीत होने वाले पार्षदों में मायूसी
उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर भाजपा को मिली बंपर जीत के बाद जैसे ही राजस्थान में वसुंधरा राजे को हटा कर किसी और को मुख्यमंत्री बनाये जाने की अफवाह जोरों पर है, निगम में मनोनीत होने जा रहे पार्षदों में मायूसी का आलम है। ज्ञातव्य है कि मनोनीत पार्षदों के लिए अजमेर उत्तर व अजमेर दक्षिण से तीन-तीन नाम मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भेजे जा चुके हैं और उनकी बस घोषणा बाकी है। सभी छहों दावेदारों को भी पता है कि उनका नाम फाइनल है, मगर जब तक घोषणा नहीं हो जाती, वे इंतजार ही कर सकते हैं।
असल में नाम तो भेजे हुए कई दिन हो गए, मगर किसी न किसी कारण से घोषणा टलती रही। पहले उम्मीद थी कि बजट सत्र से पहले नाम घोषित हो जाएंगे, मगर ऐसा हो नहीं पाया। अब उनको उम्मीद थी कि बजट सत्र के बाद घोषणा होगी, मगर इसी बीच वसुंधरा को ही हटाने की चर्चा चल पड़ी है। ऐसा संभव नहीं लगता कि वसुंधरा जाते-जाते नाम घोषित कर पाएंगी। हालांकि जो भी नया मुख्यमंत्री बनेगा, उसको शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी व महिला व बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल की ओर से भेजे हुए नाम ही घोषित करने हैं, मगर नए मुख्यमंत्री के आने पर समीकरण कुछ बदल भी सकते हैं। यदि नाम नहीं भी बदलते हैं तो भी इसमें विलंब तो हो ही सकता है।