न हो कर भी भाजपा में ही हैं लाला बन्ना

60अजमेर नगर परिषद के पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत वर्तमान में आधिकारिक रूप से भाजपा में न होने के बाद भी भाजपा में समझे जाने चाहिए। उन्होंने जिस तरह से वरिष्ठ भाजपा नेता ओम माथुर के स्वागत समारोह में अपने समर्थकों के साथ शिरकत की और उससे भी बड़ी बात ये कि शहर भाजपा अध्यक्ष अरविंद यादव सहित अन्य नेताओं ने कोई आपत्ति नहीं की, उससे यह मान लिया जाना चाहिए कि वे भाजपा से अलग नहीं हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी जता दिया है कि मौका आने पर फिर से पार्टी में दमदार उपस्थिति दर्ज करवाएंगे।
असल में सब जानते हैं कि वे माथुर के करीबी हैं। इसे उन्होंने इस कार्यक्रम में शिकरत करके यह साबित भी कर दिया है। भले ही अभी वे भाजपा में नहीं हैं, चूंकि मेयर चुनाव में उन्होंने बगावत की थी, मगर चूंकि माथुर के कार्यक्रम में बिंदास तरीके के साथ शामिल हो कर यह जता दिया है कि वे अंतत: भाजपा में आ ही जाएंगे। जिस तरह का उन्होंने शक्ति प्रदर्शन किया, उससे यह भी स्थापित हो गया है कि उचित समय पर उन्हें भाजपा में शामिल करना ही पड़ेगा। इतना ही नहीं, अजमेर उत्तर, जहां से उनकी भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लडऩे की इच्छा रही है, वहां वे अब भी गैर सिंधीवाद के सबसे बड़े आइकन हैं, भले ही वर्तमान में भाजपा में नहीं हों।
सर्वविदित है कि कभी श्रीमती अनिता भदेल के करीबी रहे लाला बन्ना का देवनानी से छत्तीस का आंकड़ा है। वे अजमेर उत्तर के प्रबल दावेदार तो हैं ही, विशेष रूप से मेयर के चुनाव में जिस प्रकार धर्मेन्द्र गहलोत के खिलाफ खड़े हो गए, वह भी इस बात को रेखांकित करता है कि वे देवनानी के खिलाफ हैं। ऐसे शख्स का देवनानी लॉबी में गिने जाने वाले शहर भाजपा अध्यक्ष अरविंद यादव की मौजूदगी में ताल ठोक कर समारोह में मौजूद होना, वाकई चौंकाने वाला है। इसके अजमेर की भाजपाई राजनीति में दूरगामी परिणाम सामने आएंगे।

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