*गणेश टॉवर प्रकरण ओर सभापति ओर आयुक्त की भूमिका*

हेमेन्द्र सोनी
हेमेन्द्र सोनी
जैसा कि गणेश टावर आर्य समाज के पास विवादित मुद्दा बन गया है, ओर सरकार के विभिन्न अधिकारियों द्वारा इसकी हुई जांच में आयुक्त ओर सभापति को जांच में पूर्ण रूप से दोषी पाया गया है । लोकायुक्त की रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि अनुचित लाभ पहुचाने की बात साबित होती है , इसका साफ मतलब है कि भ्रष्टाचार साबित हो रहा है, और कार्यवाही करनी है ।
कानून के जानकारों से हुई चर्चा में स्पष्ट रूप से यह बात सामने निकल कर आई है कि सभापति ओर आयुक्त पर कार्यवाही अवश्यम्भावी रूप से होनी निश्चित है ।
आज दिनभर अखबारों में खबर आने के बाद से ही शहर के अवैध निर्माण के विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चाओं का बाजार गर्म रहा जिसमे शहर में बने कई मार्केट, विवाह स्थलों से लेकर अन्य निर्माणों पर भी जनता कहने लगी कि, क्या इन पर भी गाज गिरेगी???
*आरोप ओर फैसला एक जैसा लेकिन कानून की पालना में फर्क*
आज से कुछ वर्षों पूर्व मुकेश मौर्य के कार्यकाल मे जब उन पर आरोप लगे तब केवल यह कहते हिये हटाया गया कि प्राम्भिक इंटरनल जांच में दोषी पाए जाने के कारण इन पर जांच प्रस्तावित है जो कि इनके पद पर रहते हुए जांच प्रभावित हो सकती है इएलिये इनका पद पर बने रहना उचित नही है ओर बिना आरोप तय हुए ही उन्हें सभापति पद से तुरंत हटा दिया गया ।
जबकि गौरव टावर प्रकरण में
डिप्टी डायरेक्टर ओर लोकायुक्त दोनों की जांच रिपोर्ट में इन्हें दोषी माना है ओर आरोप प्रमाणित हो चुके है ओर फिर वर्तमान सभापति को क्षेत्रीय उपनिदेशक, निदेशक, प्रमुख शासन सचिव और सरकार के नुमाइंदों ने माना कि अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए, बिना समिति में रखे, बिना टाउन प्लानर की राय लिए अनुचित लाभ पहुचाना साबित हुवा है जिस पर लोकायुक्त ने आरोपित करार दिया है ओर कार्यवाही हेतु लिखा है । तो वो किस आधार पर अभी तक पद पर बनी हुई है उन्हें तुरंत हटा दिया जाना चाहिए ।
अगर ऐसा नही हो रहा है तो क्या यह समझा जाए कि राज्य में भाजपा के सत्ता में होने का अनुचित लाभ मिल रहा है ।
*आर्य समाज, ब्यावर*

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