सवर्ज्ञ की मौत पर नगर निगम अजमेर के पार्षद मोन क्यो ?

vijay kakani
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बचपन से देखता आ रहा हूं हल्की सी किसी पार्षद को आंच भी आती है तो सारे पार्षद एक होकर कलेक्ट्रेट पर धरने पर पहुंच जाते है ओर अपनी मांग पूरी करवाकर लाते है चाहै वो क्रान्ग्रेसी हो या भाजपा सब एक होकर ताकत बनकर जाते है अपनी मांग पूरी करवाकर छोडते है पर एक पार्षद पुत्र का निधन हूया है ओर इसपे चुप्पी समझ के बाहर है आखीर क्यो नही ऊतरते आंदोलन के लिये कारण यह हो सकता है अभी वर्तमान मे भाजपा के पार्षद जादा ओर सरकार भी उन्ही की है अब सरकार उन्ही की है तो सरकार मे प्रशासन लापरवाह है तो जिम्मेदारी भी सरकार की है शायद यही प्रमुख कारण हो सकता है नही तो कोइ पुलीस वाला किसी पार्षद का चालान भी काट देवे तो एक होकर एसपी की छाती पर चड जाते है ओर दूसरा कारण आज हर वार्ड मे किसी ना समस्या को लेकर जनता मौत के करीब खडी है जिसकी जिम्मेदारी खुद पार्षदो पर आती है अब खुद पर आरोप कोन लगाये इसलीये ट्रेक्टर वालो के पीछे लग गये है जैसे सारे हादसो के पीछे ट्रेक्टर वाले ही है जबकी 100 मे से 90 हादसो मे यह खुद भी जिम्मेदार है अभी दो चार दिन ट्रेक्टर वालो के खिलाफ अभियान चलाकर बस दिखावा हो जायेगा बस अब पार्षदो की जिम्मेदारी है वो सर्वज्ञ को तो नही बचा पाये लेकिन ना जाने कितने सर्वज्ञ रोज हादसो का शिकार हो रहै है उन्है तो बचा ले
सभी नगर निगम पार्षदो से आशा है अब समाज ओर शहर की जनता के खातिर वो प्रशासन के खिलाफ आवाज उठायेंगे ऊन्हे जादा कुछ नही करना है बस अपने वार्ड पर ध्यान देना है ओर अपनी वार्ड की निम्न समस्या जो मे बता रहा हू ऊसकी सूची तैयार करके सभी पार्षदो को प्रशासन के सामने रखकर दबाव बनाना है की यह काम 24 घन्टे मे हो जाना चाहिये नही तो हम ऊग्र आंदोलन पर उतारू हो जायेंगे अगर इन समस्याओ का समाधान भी हो जाये तो शहर मे सडक हादसो मे काफी कमी आ जायेगी समस्या निम्न है
(1) हर वार्ड मे देखे विधालय ओर अस्तपताल प्रमुख चौराहै ओर गली नुक्कड हादसो के पांइट पर ब्रेकर है या नही क्योकी सभी मिशनरी विधालयो के बाहर ओर बडे निजी विधालयो के बाहर तो ब्रेकर है पर सरकारी ओर छोटे निजी विधालयो के बाहर कम ही है क्योकी मिशनरी ओर बडे निजी विधालयो मे हमारे शहर के बडे नताओ के बेटे अध्यनरत है इसलीये वंहा तो सबसे पहले बनता है ओर सरकारी छोटे निजी विधालयो के बाहर किसी छात्र की मौत के बाद कितना फर्क है दोनो के निर्माण मै अब इसे बनाना पार्षदो की जिम्मेदारी
(2) जीसीए महाविधालय का प्रथम गेट चौराहा भी किसी छात्र की मौत का इंतजार कर रहा है ना जाने कब वंहा किसी की मौत हो तब ब्रेकर बने ऐसे शहर मे कई चौराहे जंहा रोज हादसे हो रहै पर ब्रेकर नही बन रहै इंडिया मोटर सर्किल पर पैट्रोल भराने के लिये लोग अपनी साइट ही बदल लेते है अब इससे निपटना पार्षदो की जिम्मेदारी
(3) सडको पर सारी लाइटे बंद ही रहती ओर कुछ खम्भे तो ऐसे लगे है वंहा लाइटे नही है मार्टिन ब्रिज कचहरी रोड नगर निगम रोड मदार गेट रामगंज रोड अजयनगर रोड संत फ्रान्सिस अस्तपताल रोड जनाना रोड यहा सब जगह लाइटे बंद पडी है यह भी हादसे का बडा कारण है इसे चालू करवाना पार्षदो का काम है इसमे दोष मेन्टनैस मे काम करने वाले कर्मचारियो का नही है दोष तो इन लाइटो का है इनके सामने अगर पंखा चला दो तो यह बंद हो जाये इस बारिश के मोसम मे जो आंधी हवा चलती है ऊसे झेलना इन लाइटो के बस मे नही बेचारे मेन्टनेस के कर्मचारी रात भर इधर ऊधर भागते रहते है इन्है चालू करने के लिये मामूली से वेतन मे ओर कोइ लाइटो की समस्या बताता है तो रायता इन बेचारो पर ढोल दिया जाता है जबकी गलती लाइट कम्पनी की है
(4) सडको पर नालो के ढक्कन खोलकर भूल ही जाते है अपने नगर निगम कर्मचारी ऐसा ही एक हादसा न्यू मेजेस्टिक सिनेमा के बाहर हूया 6 महिने से वो ढक्कन खुला ही पडा था एक गर्भवती महिला दिपावली के दोरान उसमे गिर के चोटिल हो गयी जब तक अखबारो मे इन ढक्कनो की खबर नही छपती है तब तक यह बंद नही होते इन्है बंद करवाने की जिम्मेदारी पार्षदो की है
(5) मदार गेट पडाव शहर का प्रमुख मार्ग है ओर यहा जो सडके ऊसपे व्यापारी अपना सामान रखकर इस्तमाल करते है डिवाइडर तक को नही छोड रखा है क्योकी उन्है पता है नगर निगम का अर्तिकम्रण दस्ता आयेगा नही ओर आयेगा तो तोड भॅट्टा कर लेंगे ओर इसी कारण यंहा रोज हादसे होते है ट्रान्सपोर्ट नगर कितने सालो से बाहर जाने को बेताब है लेकिन हमारे नेता इसे शहर के अन्दर रोकने को बेताब है कुछ दिन पहले ही इस ट्रान्सपोर्ट नगर मे आने वाले ट्रक ने केसरगंज मे एक महिला को कुचल दिया था ओर रोज ना जाने कितने हादसे यंहा होते है
(6) तारागढ जाने वाली टैक्सीयो का स्टेन्ड हजारी बाग है लेकिन सवारी लेने के लिये यह टेक्सीया रेल्वे अस्तपताल से ऊपर चडकर भगवान गंज चौकी से होती हूई ऊसरी गेट से डिग्गी चली जाती है या रामगंज थाने से अजयनगर होती हूइ या जीसीए चौराहे से केसरगंज होती हूई इन सब के बिच पुलिस चौकी या थाना बीच मे आता है सबको अपना खर्चा मिल जाता है रोज यह सवारी लेने के लिये गाडी भगाते है हादसे का सबसे बडा कारण यह भी है ऊसरी गेट से आशागंज भी अर्तिक्रमण के कारण छोटी सी रोड मे तब्दील हो गया है ओर हादसो का पॉइंट बना हूया है
(7) आजकल कुछ युवाओ मे बुलट मोटरसाइकल चलाने का क्रेज है लेकिन कुछ युवाओ ने अपनी बुलट का साइलेंसर या होर्न बदलवाकर ऊसमे गौली जेसी आवाज आना वाला साइलेंसर लगा रखा है अचानक आने वाली यह आवाज अच्छो अच्छो के होश उडा देती है सबसे जादा परेशानी वृद्ध लोग ओर महिलायो को होती है सडक पर चलते हूये या गाडी पर चलते हूये वो डर जाते है इसके कारण ऊनका बेलेंस भी बिगड जाता है ओर बाइक पर लगी टिम टिम होने वाली लाइटे भी हादसो का बडा कारण है इन गाडियो को जब्त करने की मांग पार्षद कर सकते है
आशा है सभी पार्षद एकजुट होकर इन सभी समस्याओ को उठायेंगे जिससे शहर की जनता को सुरक्षा प्रदान हो सके ओर सभी का सर्वज्ञ सुरक्षित रह सके

विजय काकाणी

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