प्लास्टिक की थेलियों पर प्रतिबन्ध के नाम पर अफसर कूट रहे हे चांदी

हेमेन्द्र सोनी
हेमेन्द्र सोनी
पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सरकार कितनी चिंतित हे, यह हम सब उसके कार्य को देख कर आसानी से समझ सकते हे | सरकार की लापरवाही और त्रुटिपूर्ण नीतिया, उस पर अफसरों की तानाशाही और कानून के डंडे के डर का हवाला देकर पक्षपात पूर्ण कार्यवाही करना जग जाहिर हे |
क्या सरकार वास्तव में प्लास्टिक की थेलियो पर प्रतिबन्ध लगाना चाहती हे ? मुझे तो नहीं लगता !
सरकार प्लास्टिक की थेलियो पर प्रतिबन्ध लगाने की कार्यवाही के नाम पर छोटे छोटे दूकान दार, सब्जी बेचने वाले, हाथ ठेला लगा कर छोटा मोटा व्यापार करने वाले, आदि पर 2 / 4 किलो थेलिया जब्त कर कार्यवाही कर अपना उल्लू सीधा कर लेती हे | जब की शहर में ना जाने कितने ही बड़े बड़े मगरमच्छ बेठे हे जो हजारो किलो प्लास्टिक की थेलिया प्रतिदिन बेचते हे और ना जाने कितने बेनामी गोदाम शहर की कई गलियों में भरे पड़े हे | जिनकी सभी जानकारी अफसरों को होने के बाद भी कार्यवाही का कोई डर इन गोदाम मालिको को नहीं हे, क्यों नहीं हे?? ये आप और हम सब जानते हे की चांदी के जुते किसे अच्छे नहीं लगते हे |
) सबसे बड़ी बात यह हे की केंद्र सरकार प्लास्टिक की थेलियो पर प्रतिबन्ध लगाने के बजाय प्लास्टिक की थेलिया बनाने वाले कारखानों पर ही प्रतिबंध क्यों नहीं लगाती????
) उन कारखानों का बिजली कनेक्शन क्यों नहीं काटा जाता???? उन कारखानों का लाइसेंस क्यों नहीं जब्त किया जाता?????
) उन कारखानों के मालिको को जेल क्यों नहीं भेजा जाता?????
लेकिन एसा नहीं हे वो तो उनसे तो राजस्व की प्राप्ति करेगी और अफसर चांदी के चम्मच से खाना खायेंगे और गरीब जनता पर कार्यवाही कर अफसर अपना गुंडा राज चलाएंगे और नेता तमाशा देखेंगे, जब भी कोई गरीब के पास 2 / 4 किलो थेलिया जब्त होती हे तो कोई भी उनकी मदद को आगे नहीं आता बल्कि बड़े दुकानदार कहते हे की अफसर को तो केस देने ही पड़ते हे इसलिए केस तो बनायेंगे ही, लेकिन केस प्लास्टिक की थेलिया बेचने वालो पर क्यों नहीं बनाते खरीददारो पर क्यों बनाते हे??? यह सोचने वाली बात हे |
जिन जिन अफसरों पर प्रयावरण के संरक्षण की जिम्मेदारी हे वो कितनी जिम्मेदारी निभा रहे हे यह उनके साल भर में पकडी गई थेलियो के वजन से ही पता चल जायेगी, उसकी एवज में मार्केट में कितने गुना ज्यादा थेलिया बिकी हे, इसका भी जवाब उनसे लेना होगा ????
प्लास्टिक की थेलियो की वजह से शहर के सारे छोटे बड़े नाले भरे पड़े हे जिस कारण सारा गंदा पानी सडको पर बह जाता हे जिससे बीमारिया फेलती हे आवागमन में भारी परेशानी होती हे | बारिश का मोसम सामने हे इस कारण थोड़ी सी बारिश से ही शहर की सड़के दरिया बन जाएगी | आगे भी एसे ही हालात कई बार सामने आ चुके हे | लेकिन प्रशासन ने अभी तक नालो की सफाई के लिए कोई अभियान तक नहीं चलाया हे |
प्रयावरण को होने वाले नुक्सान के अलावा प्लास्टिक की थेलियो की वजह से गोवंश की भी जान खतरे में हे कई बार गो वंश अपनी जान भी गँवा चुके हे |

*हेमेन्द्र सोनी @ BDN जिला ब्यावर*

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