कोख में मौत, जिम्मेदार कौन

ATS की कार्यवाही से ओषधि विभाग की गिरी साख

हेमेन्द्र सोनी
हेमेन्द्र सोनी
ब्यावर के दवा विक्रेता सुनील गोलानी को कार सहित एक लाख रुपये की गर्भपात के काम मे आने वाली प्रतिबंधित दवाओं के साथ ATS द्वारा गिरफ्तार होना ही ओषधि विभाग की बड़ी नाकामी है, इससे विभाग की साख को बट्टा लगा है ।
गिरफ्तार गोलानी को न्यायालय में पेश किया गया जहां उसे 4 दिन के रिमांड पर गेगल पुलिस को सौंपा गया ।
गर्भपात के काम आने वाली दवाओं के 170 किट ओर नशे में प्रयोग आने वाली 5600 टेबलेट के साथ अन्य दवाएं जब्त हुई ।
यह दवाइया तब बरामद हुई जब यह सप्लाई देने जा रहा था और रँगे हाथो पकड़ा गया । इसका मतलब इसके पास ओर कितना स्टॉक होगा इसकी जांच की जानी चाहिए । एवं अभी तक कितनी टेबलेट बेच चुका हुगा जांच का विषय है ।
गिरफ्तारी से पहले यह व्यक्ति पेसो के लालच में प्रतिबंधित दवाओं के व्यापार में कितने लंबे समय से है और इसके साथ कितने लोग जुड़े हुए है ओर इसके ग्राहकों में जिसमे कई क्लिनिक, अस्पताल, मेडिकल स्टोर्स वाले हो सकते है ।
इसके ग्राहकों में आस पास के गावो के कई क्लिनिक, अस्पताल, मेडिकल स्टोर्स वाले, ओर झोला छाप डाक्टर हो सकते है । ऐसी दवाओं की सप्लाई से झोला छाप डाक्टरो के पनपने का मौका भी मिलता है ।
क्या इस पर कोख में हत्या का केस नही बनता ???
इस घटना के अगले ही दिन रायपुर जिला झालावाड़ में बिना बिल के खरीदीे ओर बेची जा रही नशे व गर्भपात की दवाओं के मामले में रायपुर में कुछ ओषधि विक्रेताओं की जांच की गई जिसमें सांवलिया मेडिकल स्टोर पर अनियमितता पाई गई ओर अन्य दुकानों पर क्रय विक्रय के रिकार्ड में अंतर पाया गया ।
झालरापाटन स्थित लविश मेडिकल पर बिना बिल के नशे एवम गर्भपात की औषधियां पाई गई ।
अवैध गर्भपात के कानून के तहत इस पर ओर प्रतिबंधित दवाओं के व्यापार से जुड़े सभी बेचने वाले ओर खरीदने वालों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए ।

हेमेन्द्र सोनी @ BDN जिला ब्यावर

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