मदार रेलवे स्टेशन को सीधे रोड से जोडऩे का मामला स्थाई लोक अदालत अजमेर में

madar junctionअध्यक्ष श्रीमान जिला अध्यक्ष स्थाई लोक अदालत अजमेर

प्रकरण संख्या….

1. श्री के. एल. मीणा पुत्र स्व. श्री उमदाराम मीणा, उम्र 66 साल, रोड न. 2 माधव कॉलोनी, मदार अजमेर।

2. राजेश चौधरी एडवोकेट पुत्र श्री स्व. श्री धर्मपाल सिंह (अध्यक्ष गांधी नगर कॉलोनी) निवासी एफ-4, गांधी नगर कॉलोनी (यू.आई.टी.कॉलोनी), नाका मदार अजमेर।

3. विनोद गुप्ता पुत्र स्व. श्री बी.सी. गुप्ता (अध्यक्ष मधुबन कॉलोनी) निवासी ए-78, मधुबन कॉलोनी (यू.आई.टी. कॉलोनी), नाका मदार अजमेर।

प्रार्थीगण

बनाम

1. अजमेर विकास प्राधिकरण जरिये आयुक्त ( कलेक्टर), अजमेर विकास प्राधिकरण अजमेर।

2. अध्यक्ष, श्रीमान शिव शंकर हेड़ा, अजमेर विकास प्राधिकरण अजमेर

3. श्री एस.सी. मण्डल (बिशप) चेयरमैन डी.आर.सी.एम.सी.आई.17 बौलिवर्ड रोड , न्यू दिल्ली 110054।

4. श्री ऐरिक संजय ब्राउन, मेथोडिस्ट अस्पताल, मदार, अजमेर

5. जिला कलेक्टर अजमेर, कलेक्टर परिसर अजमेर।

6. श्रीमान मण्डल रेल प्रबन्धक , उत्तर पश्चिम रेल्वे, अजमेर मण्डल, अजमेर

अप्रार्थीगण

प्रार्थना पत्र अन्र्तगत धारा 22 बी विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 एवं जन उपयोगी सेवा याचिका प्रस्तुत है:-

महोदय,

प्रार्थीगण की ओर से निम्न निवेदन हैं-

1. यह कि समस्त प्रार्थीगण नाका मदार क्षेत्र के निवासी हैं तथा भिन्न-भिन्न कॉलोनियों में निवास कर रहे हैं।

2. यह कि अप्रार्थी सं. 1 इस प्रकरण में मुख्य विपक्षी पक्षकार है तथा अप्रार्थी सं. 2 को इसलिये पक्षकार बनाया गया है, क्योंकि इन्हें इस प्रकरण की सम्पूर्ण जानकारी है। और उन्होंने अप्रार्थी सं. 3 से पत्राचार भी किया है, और अजमेर शहर के विकास के कार्य का उत्तरदायित्व भी आप पर ही है। अप्रार्थी सं. 4 भी विवादित सडक़ से सम्बन्धित हैं। अप्रार्थी सं. 5 , अप्रार्थी स. 1 के आयुक्त हैं। तथा अप्रार्थी सं. 6 मदार रेलवे स्टेशन का विकास कर रहे हैं। इसलिए सभी को विपक्षी पक्षकार बनाया गया है।

3. यह कि वर्तमान समय में मुख्य रेल्वे स्टेशन पर रिक्त स्थान नहीं होने के कारण और यात्रियों के दबाव के कारण, अप्रार्थी सं. 6 मदार रेलवे स्टेशन का विकास कर रहा है।

4. यह कि इस प्रयास में अप्रार्थी सं. 6 ने अजमेर स्टेशन से मदार स्टेशन पर पिट लाईनें शिफ्ट कर दी हैं तथा इस स्टेशन को जंक्शन स्टेशन भी घोषित कर दिया है और इस स्टेशन पर यात्रियों के लिए नया प्लेटफार्म भी बनवाया जा रहा है।

5. यह कि इस स्टेशन पर आवागमन पर कई यात्री गाड़ी रुक रही हैं और भविष्य में अनेक यात्री गडिय़ां रुकने की योजना है।

6. यह कि अभी नाका मदार क्षेत्र व शहर के लोगों को मदार रेलवे स्टेशन आने जाने में भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है। क्योंकि मदार रेलवे स्टेशन जाने व आने के लिए विनायक नगर के अन्दर से होकर जाना पड़ता है तथा उसके पश्चात रेलवे लाईन के सहारे-सहारे स्टेशन पहुंचना पड़ता है। यह रास्ता मुश्किल से 10 फीट चौड़ा है और घुमावदार है जिससे वाहन व यात्रियों को आने जाने में असुविधा होती है।

7. यह कि इस असुविधा का सामना कई बार प्रार्थीगण ने भी किया है, और कर रहे हैं।

8. यह कि मदार रेलवे स्टेशन से सीधे ही एक रास्ता चर्च के सामने से आ रहा है, जो मदार से अजमेर शहर आने जाने वाली मुख्य सडक़ पर मिलता है। यह रास्ता मदार रेल्वे स्टेशन से मुख्य सडक़ तक है, उसकी लम्बाई केवल 200 मीटर के आसपास है। इस 200 मीटर में आधे से अधिक भाग अप्रार्थी सं. 1 के अधिकार क्षेत्र में है तथा बाकी क्षेत्र में आम सडक़ बनी हुई है, जिसका उपयोग आम लोग दिन में करते हैं।

9. यह कि मुख्य सडक़ के पास से मदार रेलवे स्टेशन को जाने वाली सडक़ से करीब 100-150 फीट की भूमि अप्रार्थी सं. 3 व 4 के अधिकार क्षेत्र में है। यदि यह 100-150 फीट की भूमि सडक़ के लिए मिल जाए तो यह रास्ता मुख्य सडक़ से सीधा हो जायेगा, अभी थोड़ा हिस्सा घुमावदार हैं जिस पर लोहेे का गेट लगा हुआ है। जो प्रात: 6 बजे से सांंय 6 बजे तक खुला रहता है, और उसके पश्चात अप्रार्थी सं. 4 द्वारा उस गेट पर ताला लगवा दिया जाता है। गेट पर ताला लगने से रात्रि मेंं उस सडक़ पर आवागमन नहीं होता है। जिससे लोगों को स्टेशन जाने के लिए घूमकर जाना पड़ता है।

10. यह कि अप्रार्थी सं. 1 को चाहिए कि जनहित में 100-150 फीट के टुकड़ेे को अप्रार्थी सं. 3 व 4 से अधिग्रहण कर सडक़ का निर्माण करवाए और यदि मुआवजा देना पड़े तो

मुआवजा दे।

11. यह कि अप्रार्थी स. 1, 2, 5 व 6 सहयोग कर इस समस्या का निदान कर सकते हैं। अप्रार्थी सं. 5 के अजमेर जिले के जिलाधीश होने के कारण समस्त शहर के विकास की जिम्मेदारी इनकी है और इनका यह दायित्व बनता है कि सभी विपक्षीगण को साथ लेकर समस्या का निदान करे।

12. यह कि यह विवाद किसी विधि के अधीन असहनीय अपराध के मामले से संबंधित नहीं है।

13. यह कि माननीय अदालत को सुलह कार्यवाही से इस विवाद को सौहाद्र्रपूर्ण तरीके से निपटारा किए जाने एवं सुलह कार्यवाही असफल होकर उससे विवाद का निपटारा नहीं होने पर विवाद का गुणा-गुण के आधार पर विनिश्चय किए जाने की अधिकारिता प्राप्त है।

14. यह कि विवाद की सम्पत्ति का मूल्य एक करोड़ से कम होने से इस माननीय अदालत को इस विवाद के प्रकरण में आर्थिक अधिकारिता है।

15. यह कि यह विवाद अजमेर शहर मदार का है। इसलिए माननीय अदालत को इस विवाद के प्रकरण में क्षेत्रीय अधिकारिता है।

16. यह कि उपरोक्त विवाद के संबंध में ना तो प्रार्थीगण के द्वारा किसी अन्य न्यायालय या मंच में कोई प्रकरण दायर किया गया है और ना ही प्रार्थीगण की जानकारी के अनुसार अप्रार्थीगण के द्वारा उसके विरुद्ध कोई प्रकरण दायर किया गया है। अत: उपरोक्त आधारों पर प्रार्थी निवेदन करता है, कि अप्रार्थीगण को तलब किया जाए और पक्षकारों के मध्य सौहार्द्रपूर्ण तरीके से विवाद की सुलह कार्यवाही की जाकर

निपटारा कर पंचाट पारित किए जाने की कृपा करें।

अन्य अनुतोष जो श्रीमान उचित समझें, प्रार्थी को दिलाने की कृपा करें।

दिनांक प्रार्थीगण

साभार- अजयमेरु टाइम्स पाक्षिक समाचार पत्र, 1 सितम्बर 2017 अंक, मो. 9414004270

error: Content is protected !!