यह तस्वीर है अजमेर शहर के दो मत्रियों शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल की। आज अजमेर में मुख्यमंत्री ने अन्नपूर्णा रसोई योजना के विस्तार चरण का शुभारंभ करते हुए सीएम ने वैनों को रवाना किया । दूसरे चरण में आगामी 12 दिसंबर तक राज्य के सभी नगर निकाय क्षेत्रों में 500 स्मार्ट रसोई के जरिए जरूरतमंद एवं गरीबों को ₹5 में नाश्ता एवं ₹8 में सुबह व शाम का भोजन उपलब्ध हो सकेगा । उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री एवं नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने भोजन का स्वाद चखा । उस दौरान अजमेर के किसी भी जनप्रतिनिधि को उनके साथ भोजन करने का अवसर नहीं मिला । लेकिन उन्हें भोजन करते देख दोनों मंत्री इस तरह ताक रहे हैं मानो CM के जरा से भी कह देने भर का इंतजार है, वह भोजन करना शुरू कर देंगे। वैसे ऐसा कम ही होता है जब मुख्यमंत्री किसी योजना का शुभारंभ करें और स्थानीय मंत्रियों व जनप्रतिनिधियों की ऐसी उपेक्षा हो।
दरअसल अजमेर में भाजपा नेताओं के बीच गुटबंदी के चलते ही मुख्यमंत्री यहां के नेताओं को ज्यादा तवज्जो देने के बजाय जिला कलेक्टर गौरव गोयल को महत्व देती है। जनसंवाद के अब तक हुए कार्यक्रमों में वहां के विधायक की बजाए कलेक्टर को तरजीह देने के चलते ही आज आजकल शहर में यह चर्चा खूब की जा रही है कि क्यों नहीं भाजपा उपचुनाव में गोयल को अपने उम्मीदवार के रुप में मैदान में उतार दें। सभी जानते हैं कि है भदेल व देवनानी एक ही शहर के विधायक व मंत्री होने के बावजूद आपस में बातचीत नहीं करते । नगर निगम के महापौर धर्मेंद्र गहलोत एवं एडीए अध्यक्ष शिव शंकर हेडा के बीच भी संबंध मधुर नहीं है । ओंकार सिंह लखावत के संबंध उसी नेता से अच्छे होते हैं, जो उनकी हां मे हां मिलाएं। शहर अध्यक्ष अरविंद यादव को तो अभी भी अनेक भाजपाई शायद अध्यक्ष ही कबूल नहीं कर पा रहे हैं । जाहिर है एकता नहीं होगी, तो उपेक्षा ही होगी।
ओम माथुर