पुष्कर पशुमेला को खत्म करने का षड्यंत्र तो नही, घोड़ो पर रोक

नाथू शर्मा
नाथू शर्मा
विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेले के शुरू होने के तीन दिन पहले घोड़ो में बीमारी के लक्षण बता कर मेले में लाने ले जाने के सरकारी फरमान ने पशुपालकों व्यापारियों को गहरी चिंता में डाल दिया है। मेले में हजारों लोगों को रोजगार मिलता है। पशुओं की घटती तादात ओर अब घोड़ो पर रोक गंभीर विषय है।
*एक घोड़े में रोग के लक्षण मिले*
किशनगढ़ के पास पाटन में एक घोड़े में रोग के लक्षण मिले। जिसे लेकर मेले में सभी पर रोक लगा देना क्या उचित है।
क्या पशुपालन विभाग के पास ऐसे अश्वो का इलाज का कोई साधन नही है? ये तो हो सकता है कि पुष्कर मेले में आने वाले *अश्ववंश कि मेले में प्रवेश से पूर्व जांच कर ले। यदि रोग ग्रस्त है तो उसे वापस भेज दे। और स्वस्थ है तो उन्हें प्रवेश दे।*
मेले में पशु पालकों ने हजारो रुपये खर्च कर अश्वशालाओ का निर्माण करा लिया है। उन्हें आर्थिक हानि हो रही है। इस बार यदि अश्व नही आये तो पशु मेला हमेशा के लिए समाप्त होने से इनकार नही किया जा सकता।

नाथू शर्मा, पुष्कर।

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