न्यास सचिव पुष्पा सत्यानी ने अब जा कर दिखाई सख्ती

अव्वल तो अजमेर यूआईटी में लग कैसे गई नैंसी जैन?
अजमेर नगर सुधार न्यास में सहायक नगर नियोजक भीम सिंह के साथ अनुबंध के आधार पर उनकी सहायक के रूप में अनुबंध पर लगी नैंसी जैन विवादों में आ गई हैं। भीम सिंह को तो उनके वर्तमान पद से हटाया ही गया है और नैंसी जैन को भी यहां से रुखसत करने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि यह सब न्यास के अंदर चल रही गुटबाजी का ही परिणाम है, मगर इस बहाने न्यास सचिव पुष्पा सत्यानी ने पहली बार अपनी सख्ती दिखाई है।
ज्ञातव्य है कि नगरीय विकास विभाग ने करीब 8 माह पहले न्यास में नैंसी जैन को अनुबंध पर रखा था, लेकिन मीडिया में अब जा कर चर्चा हो रही है कि सहायक नगर नियोजक भीम सिंह केवल प्रभावशाली लोगों की फाइलों को ही निबटाने में व्यस्त रहते हैं और उनकी सहायक नैंसी जैन अनुबंध पर होने के बावजूद फाइलों पर हस्ताक्षर कर रही हैं। इसके अलावा सभी मुख्य फाइलें भी उसके पास से होकर जाती हैं। न्यास के बाबुओं द्वारा जांच करने के बाद नैंसी ही फाइलों को चैक करती रही हैं।
इतना ही नहीं अब जा कर न्यास अधिकारियों को होश आया है कि नैंसी के एक रिश्तेदार न्यास के आर्किटेक्ट हैं, जो कि शहर के जाने-माने व प्रतिष्ठित आर्किटेक्ट हैं। नैंसी जैन लोगों से उनके माध्यम से नक्शा आदि कार्य बनाने की वकालत करती थीं। यहां तक कि अब जा कर सामने आ रहा है कि नैंसी के एक रिश्तेदार के न्यास भवन से सटे एक मकान का करीब डेढ़ साल पहले आवासीय नक्शा स्वीकृत हुआ था। नैंसी के न्यास कार्यालय में लगने के बाद संशोधित नक्शा लगाया गया था। हालांकि कुछ कारणों से वह स्वीकृत नहीं हो पाया। यूं भी क्षेत्राधिकार से बाहर होने की वजह से न्यास को नक्शा स्वीकृत करने का अधिकार ही नहीं था। जानकारी के अनुसार वर्तमान में वहां पर व्यावसायिक निर्माण चल रहा है।
कुल मिला कर समझा जा सकता है नैंसी जैन न्यास में अनुबंध पर होने के बावजूद कैसी भूमिका अदा करती रही हैं। इस प्रकरण में बड़ा सवाल ये है कि न्यास के ही जाने-माने आर्किटेक्ट की निकट संबंधी होने के बाद भी वे अजमेर न्यास में कैसे लग गई? जाहिर है यह सब नगरीय विकास विभाग में सैटिंग कर योजनाबद्ध रूप से हुआ होगा। ऐसा नहीं है कि जब नैंसी यहां लगीं तब किसी को पता ही नहीं था कि वे कौन हैं? आम जनता को पता न भी हो, मगर कम से कम अधिकारी व कर्मचारी तो अच्छी तरह से जानते थे। मगर कोई कुछ नहीं बोला क्योंकि वह ऊपर की पहुंच से यहां लगी थीं। अब जब शिकायतों की तादात काफी अधिक हो गई तब जा कर न्यास सचिव पुष्पा सत्यानी ने कार्यवाही की है। इसके तहत अनियमितता बरतने को लेकर सहायक नगर नियोजक भीम सिंह को तुरंत उनके पद से हटा दिया है। साथ ही सहायक नगर नियोजक के सहायक के रूप में अनुबंध पर लगी नैंसी जैन को भी न्यास से रवाना करने का विचार है। श्रीमती सत्यानी अब कह रही हैं कि वे भीम सिंह से भी जवाब तलब करेंगी कि अनुबंध पर लगी नैंसी जैन को सभी फाइलों की जांच करने और हस्ताक्षर करने तक की छूट कैसे दी गई।

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