महज वाहवाही के लिए शुरू किया ट्रोमा सेंटर?

ट्रोमा वार्ड के शुभारंभ का फाइल फोटो

लंबी प्रतीक्षा के बाद हालांकि जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में ट्रोमा सेंटर का औपाचारिक शुभारंभ दिग्गज मंत्रियों व नेताओं की फौज की मौजूदगी में हो तो गया, मगर ऐसा लगता है कि यह केवल एक रस्म अदायगी थी और सरकार ने फोकट वाहवाही लूटने के मकसद से किया। वरना क्या वजह है कि शुभारंभ के एक हफ्ते बाद भी ट्रोमा सेंटर स्टाफ के अभाव में काम नहीं कर पा रहा है?
ज्ञातव्य है कि एक हफ्ते पहले ही केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री एमामुद्दीन अहमद दुर्रु मियां व शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ ने विभिन्न जनप्रतिनिधियों के साथ जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में नवनिर्मित ट्रोमा यूनिट का लोकार्पण किया था। पायलट व दुर्रु मियां ने मीडिया कर्मियों को बताया कि इससे जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय की सुपर स्पेशलिटी सेवाओं में वृद्धि हुई है और इसका लाभ अजमेर संभाग व राज्य के अन्य स्थानों के मरीजों व बच्चों को मिलेगा। पायलट, दुर्रु मियां व श्रीमती इंसाफ ने संसदीय सचिव ब्रह्मदेव कुमावत, विधायक महेन्द्र सिंह गुर्जर, नाथूराम सिनोदिया, श्रीमती अनिता भदेल, महापौर कमल बाकोलिया, नगर सुधार न्यास के अध्यक्ष नरेन शाहनी भगत की मौजूदगी में ट्रोमा वार्ड परिसर का निरीक्षण कर यहां की सुविधाओं की तारीफ करते हुए कहा कि इसका लाभ मरीजों को मिलेगा।
इस मौके पर यह भी बताया गया कि ट्रोमा सेन्टर के संचालन हेतु राज्य सरकार द्वारा पैरा मेडिकल के 34 नये पदों का सर्जन किया गया है, जिसकी प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति जारी हो चुकी है। इस सेन्टर की स्थापना से हाईवे पर अजमेर संभाग में होने वाली दुर्घटनाओं से ग्रसित घायलों को तुरन्त राहत व उपचार उपलब्ध हो पायेगा। भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय द्वारा इस हेतु एक एम्बुलेंस भी उपलब्ध कराई गई है। मगर धरातल का सच ये है कि स्टाफ की कमी के चलते अस्पताल अधीक्षक डॉ. ब्रिजेश माथुर को सर्जरी, आर्थोपेडिक व मेडिसन विभाग के विभागाध्यक्षों की बैठक लेकर यह तय करना पड़ा कि ट्रोमा सेंटर की जिम्मेदारी रेजीडेंट डॉक्टर्स संभालेंगे।  संबंधित विभागों के वरिष्ठ चिकित्सक ऑन कॉल सेवाएं देंगे। डॉ. माथुर ने बताया कि केंद्र सरकार ने सेवानिवृत्त चिकित्सक लगाए जाने के निर्देश दिए थे। जो वेतन तय किया गया है, उस पर कोई भी चिकित्सक सेवाएं देने को राजी नहीं है। ऐसी स्थिति में व्यवस्थाओं को बनाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी तो यहां तक भी मिली है कि जिन लोगों की ड्यूटी लगाने पर विचार किया जा रहा है, वे अपने रसूखातों से ड्यूटी निरस्त करवाने में भी लग गए हैं। ऐसे में व्यवस्थाओं को बनाने में जवाहरलाल नेहरू अस्पताल प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।
कितने दुर्भाग्य की बात है कि एक ओर तो सरकार के जिम्मेदार नुमाइंदों ने चंद रोज पहले इसका लोकार्पण कर अखबारों के बड़े-बड़े फोटो खिंचवा कर वाहवाही लूटी और दूसरी ओर सरकार को यह परवाह ही नहीं है कि इसका संचालन आखिर बिना पर्याप्त स्टाफ के होगा कैसे?
-तेजवानी गिरधर

1 thought on “महज वाहवाही के लिए शुरू किया ट्रोमा सेंटर?”

  1. सिर्फ फोटो खिंच जाए, सरकारी विभागों के खर्चे पर विज्ञापन फोटो वाला छप जाय तो बात क्या है, जनता का माल जनता का काम, लेकिन नाम फोटो हमारा यही भारत की तरककी का राज

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