मोदी ने नहीं. एक अधिकारी ने दिया था “सबके साथ सबका विकास” का नारा

umesh_mishraसिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेश तक में अब इस नारे की धूम हो गयी है। भारत के दौरे पर आये अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन कैरी तक ने कहा है कि वे नरेन्द्र मोदी के उस नारे से बहुत प्रभावित हैं जिन्होंने सबका साथ सबका विकास वाला नारा दिया है। नारा तो प्रभावित करनेवाला है ही लेकिन क्या ये सच है कि यह नारा नरेन्द्र मोदी का ही है? नरेन्द्र मोदी के दिये दो जुमले ऐसे हैं जो सबसे अधिक चर्चा में आये। पहला, अच्छे दिन आनेवाले हैं और दूसरा सबका साथ सबका विकास। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नरेन्द्र मोदी ने बार बार इन नारों को सार्वजनिक मंच से इस्तेमाल किया तो समझा यही गया कि यह नारा नरेन्द्र मोदी दे रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। कम से कम सबके साथ साथ सबका विकास का नारा नरेन्द्र मोदी ने नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के एक नौजवान अधिकारी ने दुनिया दिया है।

उस नौजवान का नाम है उमेश मिश्रा। किसी दौर में देशबंधु अखबार में पत्रकारिता से अपना कैरियर शुरू करनेवाले उमेश मिश्रा अब सरकारी अधिकारी हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री कार्यालय में बतौर ज्वाइंट सेक्रेटरी काम करनेवाले उमेश मिश्रा छत्तीसगढ़ के डिपार्टमेन्ट आफ पब्लिक रिलेशन में क्रियेटिव डायरेक्टर हैं। क्रियेटिव डायरेक्टर का काम ही होता है कि वह विज्ञापनों को ज्यादा से ज्यादा आकर्षक बनाये। इस नारे के बारे में पूछने पर उमेश मिश्र बताते हैं कि यह नारा आज का नहीं बल्कि 2004 का है। वे कहते हैं. “छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के साथ ही नयी थीम पर काम करना शुरू हो गया था। हम नयी सरकार के काम काज का प्रचार प्रसार नये सिरे से करना चाहते थे। यह नारा उसी की देन है।”

श्री मिश्र बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासन के दौरान ‘विकास मूलमंत्र, आधार लोकतंत्र’ का नारा दिया गया था। छत्तीसगढ़ सरकार के हर विज्ञापन में यही नारा दिया जाता था। लेकिन 2004 में नयी सरकार बनने के बाद हमने अपने विज्ञापनों में दिया जाने वाला नारा बदल दिया। अब नया नारा था- ‘सबके साथ, सबका विकास।’ श्री मिश्र बताते हैं कि अब सरकारी विज्ञापनों में हमने यही नारा इस्तेमाल करना शुरू किया। एक तरफ सबके साथ लिखा जाता था तो दूसरी तरफ सबका विकास। बीच में छत्तीसगढ़ सरकार का प्रतीक चिन्ह (लोगो) लगा होता था। हाल फिलहाल तक छत्तीसगढ़ सरकार के विज्ञापनों में यही नारा नजर आता था। हालांकि तब शायद ही किसी ने इस नारे पर इतना गौर किया हो लेकिन जबसे नरेन्द्र मोदी ने इस नारे का नाम लिया यह नारा जनता से लेकर संसद के बीच तक गूंजने लगा।

नरेन्द्र मोदी की तरफ से सबसे पहले यह नारा सद्भावना मिशन के दौरान इस्तेमाल किया गया था जो उन्होंने गुजरात में संचालित किया था। लेकिन व्यापक तौर पर इस नारे का इस्तेमाल हुआ बीते आम चुनाव के दौरान जब न सिर्फ प्रचार में बल्कि भाजपा के घोषणापत्र तक में इसे घोषवाक्य बना दिया गया। यह सब देखकर उमेश मिश्रा को खुशी होती है। वे कहते हैं कि आज उनके द्वारा तैयार किया गया एक नारा अगर दुनियाभर में गूंजने लगता है तो देखकर किसे खुशी नहीं होगी? राज्य सरकार के लिए गढ़े गये नारे का आज देश दुनिया में हो रहे प्रचार को देखकर वे खुश हैं। नरेन्द्र मोदी द्वारा इस्तेमाल किये जाने के सवाल पर वे कहते हैं. “अगर वे यह नारा इस्तेमाल न करते तो आज यह नारा इतना प्रचारित कैसे होता?” हालांकि उमेश मिश्रा यह भी स्पष्ट करते हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘सबके साथ सबका विकास’ का नारा दिया था, जबकि मोदी की टीम ने इसे ‘सबका साथ सबका विकास’ के रूप में इस्तेमाल किया।

बहरहाल, छत्तीसगढ़ की पत्रकार बिरादरी भी उमेश मिश्रा की इस तरफदारी से खुश है। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार अनिल पुसदकर अपने फेसबुक पेज पर कमेन्ट करते हुए कहते हैं कि “हमें गर्व है कि आज हमारे छत्तीसगढ़िया भाई उमेश मिश्रा का दिया नारा केन्द्र सरकार का नारा बन गया है। और देश दुनिया में उसकी तारीफ हो रही है।”
http://visfot.com

error: Content is protected !!