ममता बनर्जी से सीख ले भाजपा

mamta benarji editपश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि साम्प्रदायिक ताकतों से मुकाबला करने में वे वामपंथियों से भी दोस्ती करने को तैयार हैं, सब जानते हैं कि बंगाल में वामपंथियों को कुचलकर ही ममता की तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आयी है। ममता अब उन्हीं वामपंथियों से हाथ मिलाने को तैयार है, जिन वामपंथियों ने अपने शासन में कई बार ममता को अपमानित करवाया। सवाल उठता है कि सत्ता में आने के बाद ऐसा क्या हो गया कि ममता अपने घोर विरोधियों से भी मित्रता करने को तैयार है। ऐसा प्रतीत होता है कि पश्चिम बंगाल में मुस्लिम वोटों को एक जुट करने के लिए ममता वामपंथियों के साथ दोस्ती कर रही है। ममता भाजपा को साम्प्रदायिक पार्टी इसलिए कह रही हैं, क्योंकि भाजपा पश्चिम बंगाल में उन लोगों का विरोध कर रही है, जो पड़ौसी देश बांग्लादेश से आए हैं। बंगाल में बांग्लादेशियों और भारतीय नागरिकों के बीच अक्सर विवाद होता है। ममता को लगता है कि देश में नरेन्द्र मोदी के पक्ष में जो हवा बह रही है, उससे बंगाल में तभी बचा जा सकता है, जब मुस्लिम वोट एक जुट हो। ममता ने वामपंथियों से दोस्ती का जो प्रस्ताव दिया है, उससे महाराष्ट्र में भाजपा को सीख लेनी चाहिए। महाराष्ट्र में भाजपा ने अपनी उस सहयोगी शिवसेना को नाराज कर रखा है, जिसके दम पर भाजपा ने महाराष्ट्र में अपनी पकड़ को बनाए रखा। (-एस.पी.मित्तल)

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