क्या 10000 रूपये का नोट फिर छप सकता हैं?

ten-thousand-2_1428320619कई सामाजिक कार्यकर्ता व बाबा रामदेव लंबे समय से 1000 व रु. 500 रूपये का चलन बंद करने की मांग करते रहे हैं। जब अन्ना हजारे का भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन चर्चा में था तब वित्त मंत्री द्वारा बुलाए जाने वाले सालाना बजट पूर्व सलाह मशविरे में भी यह सुझाव आया था। विदेशी बैंकों में जमा काला धन भारत वापस लाए जाने का मुद्दा भी रह रह कर भारतीय राजनीति में उठता रहा है। भारत सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में 627 ऐसे खातों की जानकारी की बात को स्वीकार किया है। इस मुद्दे पर इतना हल्ला-गुल्ला मचा है कि आशंका इसी बात की है कि अब तक इनमें से ज्यादातर खातों में से पैसा निकाल लिया गया होगा। यदि बड़े नोटों का चलन न होता तो भारत से बड़ी रकमों को बाहर ले जाना भी आसान नहीं होता।

इसी बीच रिजर्व बैंक की 80वीं वर्षगांठ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोट छापने में इस्तेमाल होने वाले कागज और स्याही के स्वदेशी होने की इच्छा जताई हैं । इससे भारत में छपने वाले नोटों की छपाई में लगने वाली लागत में काफी कमी आएगी। जल्द ही देश में तैयार कागज पर नोट छपेंगे। लेकिन पूर्व में भी भारत में बने कागज पर नोट छपते थे, यही नहीं भारत में 10000 रुपए का नोट भी छप चुका है और आज भी रिजर्व बैंक 10 हजार के नोट की छपाई कर सकता है।

1938 में पहली बार रिजर्व बैंक ने 10,000 रुपए का नोट भारत में छापा गया था। रिजर्व बैंक ने जनवरी 1938 में पहली पेपर करंसी छापी थी, जो 5 रुपए नोट की थी। इसी साल 10 रुपए, 100 रुपए, 1,000 रुपए और 10,000 रुपए के नोट भी छापे गए थे। हालांकि, 1946 में 1,000 और 10 हजार के नोट बंद कर दिए गए। 1954 में एक बार फिर से 1,000 और 10,000 रुपए के नोट छापे गए। साथ ही 5,000 रुपए के नोट की भी छपाई की गई। लेकिन, 1978 में इन्हें पूरी तरह से बंद कर दिया गया। पेपर करंसी छापने की शुरुआत 18वीं शताब्दी में हुई। सबसे पहले बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ बॉम्बे और बैंक ऑफ मद्रास जैसे बैंकों ने पेपर करंसी छापी थी। पेपर करंसी एक्ट 1861 के बाद करंसी छापने का पूरा अधिकार भारत सरकार को दे दिया गया। 1935 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना तक भारत सरकार करंसी छापती रही, जिसके बाद रिजर्व बैंक ने यह जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली।

अशोक लोढ़ा
अशोक लोढ़ा

मौजूदा समय में रिजर्व बैंक 10 रुपए, 100 रुपए, 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट छाप सकता है। हाल ही में 1 रुपए के नोट की भी छपाई शुरू हुई है। इससे पहले 1 रुपए, 2 रुपए और 5 रुपए के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी, क्योंकि इनके लिए सिक्कों को बाजार में उतारा गया था। अब 10000 के नोट को लेकर भी यही चर्चा है कि स्वदेशी कागज और स्याही होने के चलते इसकी छपाई शुरू हो सकती है।रिजर्व बैंक के पास अभी भी 10,000 रुपए के नोट छापने का अधिकार है, लेकिन इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1934 में थोड़े संशोधन करने होंगे। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के मुताबिक, करेंसी नोट का कागज तैयार करने वाले कारखाने पर काम जल्द ही खत्म होने वाला है। जल्द ही देश में तैयार कागज पर ही नोट छपेंगे। रिजर्व बैंक के अनुसार, भारत हर साल 2,000 करोड़ करेंसी नोट छापता है। इसकी 40 प्रतिशत लागत कागज और स्याही के आयात में जाती है। ये कागज जर्मनी, जापान और ब्रिटेन जैसे देशों से आयात किया जाता है।

ashok lodha

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