अपने कर्मों की सजा खुद ही भुगतानी होती है

दानपुण्य, जियारत, प्रार्थना आदि करने वाले सलमान खान की सजा से सबक लें
Salman-Khanजो लोग यह समझते हैं कि दान पुण्य, यज्ञ, हवन, जियारत, प्रार्थना आदि करने से अपने कर्मों की सजा कम कर सकते हैं, उन्हें अभिनेता सलमान खान को मिली पांच वर्ष की सजा से सबक लेना चाहिए। मुम्बई सेशन्स कोर्ट के जज डी.डब्ल्यू.डी देशपांडे ने 6 मई को एक बार फिर भगवान कृष्ण के गीता के संदेश को सच साबित किया है। 28 सितम्बर 2002 को रात के समय सलमान खान ने नशे में धुत्त होकर फुटपाथ पर कार चलाई, जिसमें पांच जने कुचल गए। इनमें से एक की मौत हो गई, जबकि चार अपाहिज हो गए। अपने इस जुर्म की सजा पाने से बचने के लिए सलमान खान ने क्या-क्या नहीं किया। 13 साल बाद अदालत में अशोक सिंह नाम के एक व्यक्ति ने आकर कहा कि 22 सितम्बर की रात को सलमान खान नहीं, बल्कि मैं गाड़ी चला रहा था और मैंने ही फुटपाथ पर सो रहे पांच जनों को कुचला है। 6 मई को सजा के ऐलान से पहले सलमान खान के वकील ने अदालत में कहा कि सलमान खान को कोई सजा नहीं दी जाए, क्योंकि सलमान तो समाज में बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। दो दिन पहले ही श्रीनगर की दरगाह में 50 हजार रुपए का नजराना दिया है तथा अब तक कोई 700 बच्चों की हार्ट सर्जरी करवा चुके हैं।
यदि सजा दी गई तो समाज में जो अच्छे कार्य हो रहे हैं वे बंद हो जाएंगे। वकील ने यहां तक कहा कि पीडि़त लोगों को मुंह मांगा मुआवजा भी दे दिया जाएगा। यानि सलमान ने अपने कर्मों की सजा कम करने के लिए दान पुण्य, जियारत आदि सभी काम किए, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया। सलमान को भले ही मुम्बई के सेशन जज ने अपनी कलम से पांच वर्ष की सजा सुनाई हो, लेकिन गीता का संदेश ही सार्थक हुआ है। जो जैसे करम करेगा, उसे वैसा ही फल मिलेगा। दुनिया की कोई ताकत कर्मों की सजा को कम नहीं कर सकती। सलमान खान की इस सजा से उन लोगों को सबक लेना चाहिए जो यह समझते हैं कि दान पुण्य और जियारत करने से उनके अपराधों की सजा में कोई कमी हो जाएगी। आप भलाई के कितने भी अच्छे काम कर लें, लेकिन पूर्व में जो गंदे काम किए है, उसकी सजा तो भुगतानी ही होगी। ऐसा नहीं हो सकता कि पहले आप गंदे काम करें और फिर अच्छे काम करने लग जाए और यह उम्मीद करें कि आप को गंदे कामों की सजा नहीं मिलेगी। आपको गंदे कामों की सजा तो इसी जीवन में भुगतानी होगी। जो लोग अच्छे काम करते हैं, उनके लिए फायदे की बात यह है कि इस दौरान आप गंदे काम करने से बच जाएंगे। इसका मतलब यह नहीं कि आप मंदिर, मस्जिद, चर्च में साधु संतों, विद्वानों आलमियों और पादरियों के प्रवचन सुनने भी न जाए। असल में ऐसे प्रवचन आपको गलत मार्ग पर जाने से रोकते हैं। आप जब तक किसी संत आलमी, पादरी आदि के संरक्षण में होते हैं, तब तक आप बुराइयों से बचे रहते हैं, जो साधु संत आलमी पादरी आदि यह दावा करते हैं कि बुरे कर्मों की सजा को कम करवा सकते हैं वे झूठ बोलते हैं। यदि ऐसा होता तो 6 मई को सलमान की जगह अशोक सिंह को पांच वर्ष की सजा हो जाती। यदि ऐसा होता तो सलमान खान को पांच वर्ष की जगह दो वर्ष की ही सजा होती। इसमें कोई दोराय नहीं कि पिछले कुछ वर्षों में अभिनेता सलमान खान ने अपने आचरण में बदलाव किया था। जिन दिनों सलमान खान ने नशे में धुत्त होकर पांच जनों को कुचला, उन्हीं दिनों एक ऑडियो टेप भी सार्वजनिक हुआ था, जिसमें सलमान खान अपनी पूर्व प्रेमिका एश्वर्या राय को अश्लील गालियां बक रहे थे। सब जानते हैं कि एश्वर्या राय को पाने के लिए सलमान खान किस सीमा तक चले गए थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सलमान ने अपनी छवि को सुधारने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
गुजरात का सीएम रहते हुए जब नरेन्द्र मोदी को पीएम बनाने की चर्चा हो रही थी, तब सलमान खान अहमदाबाद गए और नरेन्द्र मोदी के साथ पतंग उड़ाई। इससे नरेन्द्र मोदी को राजनीतिक दृष्टि से फायदा हुआ। इतना ही नहीं गत वर्ष सलमान खान ने उस अर्पिता की शादी धूमधाम से की, जिसे उसके पिता बीस वर्ष पहले फुटपाथ से उठा कर लाए थे। गत 3 मई को काले हिरण केस के मामले में सलमान खान जब जोधपुर की अदालत में पेश हुए तो मजिस्ट्रेट ने उनसे जाति पूछी,तब सलमान खान ने कहा कि वे भारतीय है, वे हिन्दू भी है और मुसलमान भी है। उनके पिता मुसलमान है तो उनकी मां हिन्दू है। सलमान ने यह बात भी 6 मई को मुम्बई में होने वाले फैसले को देखते हुए कही। सलमान यह संदेश देना चाहते थे कि वे न हिन्दू है न मुसलमान हैं, वे तो एक अच्छे इंसान हैं। लेकिन इन सबका जज डी.डब्ल्यू.डी.देशपांडे पर कोई असर नहीं हुआ, क्योंकि अपने कर्मों की सजा खुद भुगतानी होती है।
6 मई को सलमान को सेशंस कोर्ट से ही सीधे जेल जाना था, लेकिन परिजन ने बोम्बे हाईकोर्ट से दो दिन की अंतरिम जमानत हासिल कर ली। यानि सलमान का जेल जाना फिलहाल टल गया है। माना जा रहा है कि दो दिन बाद जब सुनवाई होगी, तो एक बार फिर थोड़ी राहत मिल सकती है, क्योंकि कानून में बहुत पेचीदगियां है। बोम्बे हाईकोर्ट में 10 मई से 7 जून तक गर्मियों का अवकाश भी हो रहा है। लेकिन सलमान और उनके परिजन चाहे कितना भी जोर लगा लें, लेकिन किसी न किसी रूप में कर्मों की सजा तो मिलेगी ही। अभिनेता संजय दत्त भी अपने कर्मों की सजा इन दिनों मुम्बई की जेल में भुगत रहे हैं।
(एस.पी. मित्तल) (spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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