भारत में पैदा होने में शर्मिन्दगी कैसी ?

sohanpal singh
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एक सौ बीस करोड लोगो के सेवक नरेन्द्र  दामोदर भाई   मोदी  दुनिया के सबसे बडे लोकतन्त्र के प्रधानमंत्री भी है ।  उनको  अगर विदेशी धरती पर यह कहना पडा है एक वर्ष पहले  ।भारतीयों को भारत मे पैदा होने पर शर्मिंदा होना पडता था । अब इस बात का उत्तर तो एसा कहने वाला व्यक्ति ही दे सकता है कयोंकि ईस पैंसठ वर्षिय प्रौढ व्यक्ति को अगर अपनी उम्र चौसठ वर्ष के ़बाद अक्कल दाढ निकली है तो कोई आश्चर्य की बात नही है  क्योंकि अगर अक्कल दाढ पहले निकल आती तो जो कुछ वर्ष २००२ में गुजरात में हुआ था शायद वह नही हुआ होता फिर भी बकौल सर्वोच्च न्यायलय के पूर्व न्यायधीश  श्री मार्कन्डेय काटजू के अनुसार ऐसे व्यकति को जीने का अधिकार ही नही है ? वैसे जवाब तो हम भी दे सकते हैं कि अगर अपने प्रधानमंत्री श्री मोदी अगर भारत के बजाय अमेरिका या योरूप के किसी देश में पैदा हुएहोते तो क्या गर्व होता ऐसा हो भी सकता था पर एक बात निश्चित है कि फिर वह अपने आप पर कितना भी गर्व करते लेकिन भारत का प्रधानमंत्री होने का   गर्व उनके नसीब में कभी भी नही होता ।।।।।।।,   एस पी सिहँ मेरठ 

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