मोदी के मतवाले मंत्री या देश सेवक ?

sohanpal singh
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किसी भी सरकारी कर्मचारी को दी जाने वाली LTC की सुविधा जो चार वर्ष मे एक बार मिलती है । इसका लाभ उठा कर विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारी अपने अपने .entitlements के अनुसार अपने परिवार सहित देश के किसी भी स्थान की यात्रा कर सकते है । इस एल टी सी सुविधा का समस्त खर्च का वहन संमबंधित विभाग/सरकार/या नियोक्ता करते है। इसमे न तो रेल विभाग या कोई ट्रांसपोर्ट विभाग या कोई एयर लाईन्स कोई खर्च वहन करता है । ईस लिए एयर ईण्डिया की जम्मू कश्मिर के लेह हवाई अड्डे से उडान भरने वाली २५जून २०१५की हवाई सेवा को पहले तो लगभग एक घंटे तक विलंबित किया गया फिर उसमे यात्रा करने वाले एक परिवार के तीन सदस्यों (एक बच्चे सहित )को वैध यात्रा टिकट होने के पश्चात भी अपमानित करके उनको जहाज से नीचे उतार दिया गया और उनके स्थान पर केन्द्रीय ग्रह राज्य मंत्री और उनके पी ए को स्थान दिया गया । क्या यह भारत के संविधान मे प्रदत्त आम आदमी के मुल्य अधिकारो का हनन नही है । यह वर्तमान सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद किस प्रकार से बददिमाग कार्यकरताऔं और मंत्रियो की पोल खुलनी शुरू हो चुकी है । जिस परिवार को जहाज से उतारा गया उसका कसूर केवल ईतना है कि उसने LTC claim किया है । एक नेशनल टी वी पर भारतीय जनता पार्टी के एक तेज तर्रार प्रवक्ता जो को राजनिती के साथ साथ अपने आप को डाक्टर (सर्जन )कहते नही अघाते लेकिन सामान्य जानकारी के आभाव सरकारी कर्मचारी के LTCक्लेम को एयर ईण्डिया द्वारा दिया जा रहा अनुदान बता कर उसको सही ठहराने की जी तोड कोसिस एक घंटे तक करते रहे । क्या यह कथित प्रधान सेवक के सहायक सेवकों का सेवकीय आचरण है या सत्ता की हनक दिखाने का शायद अच्छे दिनो के आगमन की और पहला कदम है । जनता के लिए अच्छे दिन आए या न भी आयें लेकिन मंत्रियों के अच्छे दिन आचुके हैं ।

अब एक दूसरे महाराजा की बात करते है । वे महाराष्ट्र के मुख्य सेवक यानी प्रदेश के मुख्य मंत्री है । २९जून २०१५ को वह अपने प्रतिनिधी मंडल के साथ अमेरिका जा रहे थे वह स्वयं और उनके सभी साथी बैठ चुके थे लेकिन उनके सचिव प्रदेसी का पासपोर्ट और वीसा साथ मे नही था ? उनको अपना पासपोर्ट और वीसा मंगवाने के लिए विमान को ९०मिनट तक रोके रखा गया था ।। जब उनके बगैर फ्लाईट को उडाने की बात की गई तो मुख्य मंत्री नै धमकी दी कि वह अपने साथियों के बगैर यात्रा नही करेगें और जहाज से उतर जायंगे । अब जब सारी कहानी न्यूज चैनलों पर चलने लगी तो सरकार और जनता मे खलबली होना तो स्वभाविक है ।उधर फडनवीस मान हानि का मुकद्दमा करने की धमकी दे रहे है। सबसे बडा सवाल तो यह है कि क्या बिना किसी जांच के जिसका पासपोर्ट और वीसा सही न हो वह व्यक्ति यान तक कैसे पहुंच गया ? क्या यह नई वी वी आई पी कल्चर का आगमन है या भारतीय जनता पार्टी के अच्छे दिनो का आरम्भ है ।

अब हमें तो ऐसा लगता है की जहां भारतीय प्रधान मंत्री देश के सभी वर्ग धर्म और जाति के लोगों को अपनी पार्टी और देश की मुख्य धारा में जोड़ने की चिंता में रात दिन लगे हुए हैं वहीँ उनकी पार्टी के साथी देश की एकता अखंडता और को दरकिनारा करके अपने आप को राजा रानी और महाराजा महारानी स्थापित करने में लगे हुए हैं । और जिस आम आदमी की पीठ पर चढ़कर मिस्टर नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के लिए “सब का साथ सब का विकास” का नारा देकर सत्ता के शिखर तक पहुंचे हैं आज वही आम आदमी मोदी के मंत्री द्वारा अपने बैठने की जगह बनाने के लिए उस को जहाज से बाहर का रास्ता दिखाते हैं । तो दूसरी और एक मुख्य मंत्री 250 यात्रियों को एक अंतर्राष्ट्रीय उड़ान में डेढ घंटे तक बंधक बनने को मजबूर किये गए ? यह सब क्या है क्या यही गुड गवर्नेस का फ़तवा है या पार्टी और सरकार के अच्छे दिनों का आगमन है ? फैसला आप को करना है ?
sohanpal singh

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