आश्चर्यजनक परंतु सत्य के करीब ?

sohanpal singh
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आजतक समाचार चैनल ने आज अपनी एक रिपोर्ट मे खुलासा किया है कि “प्रधानमंत्री श्रीमान नरेन्द्र मोदी को दक्षिणपन्थी संगठनो से जान का खतरा है ।” यानिकी अपनों ही से खतरा है ? आखिर खतरा क्यों है ? रिपोर्ट मे विस्तार पूर्वक बताया है कि

रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणपंथी संगठनों को लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी मुसलमानों को आकर्षित करने की ज्यादा कोशिश कर रहे हैं जबकि गुजरात दंगों के मामले में कई हिन्दू नेताओं को सजा सुनाई जा चुकी है।

ये संगठन इसी बात से नाराज हैं। रिपोर्ट में साफतौर पर कहा गया है कि प्रधानमंत्री को कश्मीरी आतंकवादियों, इंडियन मुजाहिदीन, कट्टरपंथी इस्लामिक संगठनों से खतरा है। सूचनाएं ये भी बताती हैं कि गुजरात दंगों में हिन्दू नेताओं को सुनाई गई सजा को लेकर ये दक्षिणपंथी संगठन भी प्रधानमंत्री से नाराज हैं।

.मीडिया में चल रही खबरों का खंडन करते हुए गृहमंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दक्षिणपंथी संगठनों से किसी भी तरह का का खतरा नहीं है। गृहमंत्रालय ने कहा है कि आईबी से इस तरह की कोई सूचना हमें प्रप्त नहीं हुई थी नहीं अलर्ट जारी किया गया था।

इससे पहले, कथित खुफिया रिपोर्ट के हवाले से कहा जा रहा था कि पीएम को सबसे ज्यादा खतरा दक्षिणपंथी संगठनों से है। रिपोर्ट के मुताबिक जिस तरह से मोदी अल्पसंख्यक समुदाय खासतौर पर मुस्लिम समुदाय में अपनी छवि सुधारने की कोशिशों में लगे हैं इससे यह संगठन खासा नाराज हैं। इसलिए वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला कर सकते हैं। शायद उनको लगता होगा की हिन्दू राष्ट्र की उनकी कल्पना में मोदी ही कहीं रोड़ा न बन। जाएँ ।

रिपोर्ट के मुताबिक मोदी जिस तरह से लोगों से देश और विदेश में खुलेतौर पर मिल रहे हैं, उससे यह खतरा और बढ़ गया है। पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भी पीएम ने राजपथ पर हजारों लोगों के साथ खुले में योगा किया था। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे में उन्हें जान का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। हालांकि इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद थी।

गौरतलब है कि पीएम मोदी को करीब 40 आतंकी संगठनों से जान से मारने की धमकी मिल चुकी है। इसमें आतंकी गुट जैसे जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा, इंडियन मुजाहिद्दीन जैसे संगठनों समेत नक्सल समर्थक, पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठन, आतंकियों और अंडरवर्ल्ड से जुड़े लोग भी शामिल हैं।

लेकिन ताजा खतरा अगर दक्षिण पंथी संघठनो से है तो यह चिंता जनक तो अवश्य ही है । वैसे भी दक्षिण पंथी संघठन के नाराज होने का एक कारण तो साफ नजर आता है जिसमे २००२के दंगो मे सक्रीय भूमिका निभाने के कारण गुजरात की तत्कालीन मंत्री डा० माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी को २८-२८वर्ष की जेल की सजा मिली है इनके साथ ही ३० और लोगो को दगों के आरोप मे सजा मिल चुकी है । दर्जनो पुलिस अधिकारी जेल मे बंद रह चुके है । दूसरी ओर मोदी गुजरात दंगो में खराब हुई अपनी छवि सुधारने के लिए विभिन्न मुस्लिम संघठनो में जब तब मिलते रहते हैं ।

फिर भी चिंता जनक सूचनाओं के सन्दर्भ में एक बात निश्चित ही सुरक्षा में लगी एजेंसियों का ध्यान में रखनी होगी क़ि अभी अधिक समय नहीं बीता है जब हमारे ही देश की एक लोकप्रिय प्रधान मंत्री को धार्मिक उन्माद से पीड़ित उनके अपने ही सिख सुरक्षा कर्मियों ने मौत की नींद सुला दिया था!
शायद इसीलिए कट्टरपंथी हिदु वादी संगठन आर एस एस के एक मुस्लिम मंच के संयोजक इन्द्रेश कुमार ने संसद परिसर में 4 जून 2015 को रोजा इफ्तार पार्टी का जो आयोजन किया था उसमे प्रधान मंत्री शामिल नहीं हुए । अगर वह् सुरक्षा कारणों से इसमें शामिल नहीं हुए तो यह और भी चिंता जनक है । और वास्तविक खतरे को इंगित ही करता है ? sohanpal singh

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