वसुंधरा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भी भ्रष्टाचार मुक्त करें

राजेश टंडन
राजेश टंडन
राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर के न्यायाधिपति मनीष भण्डारी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के विरूद्ध एक प्रकरण की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की, कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है इसे बन्द करके सी.बी.आई. को सौंप देना चाहिये। ए.सी.बी. चोर डकैतों का गिरोह है, सबसे ज्यादा चोर अफसर यहीं है, यह भ्रष्ट व अनुपयोगी हैं, ऐसा आज सारे राजस्थान के प्रमुख समाचार पत्रों में छपा है। राजस्थान सरकार और ए.सी.बी. प्रशासन के कान पर जूं भी नहीं रैंगेगी, कोई प्रसंज्ञान नहीं लिया जायेगा। ए.सी.बी. में पुलिस वालों को नियुक्ति देते समय एक ग्रेड ऊपर करके पदस्थापित किया जाता है जैसे कोई डिप्टी एस.पी. है तो उसे एडीशनल एस.पी. बना दिया जाता है और राजस्थान पुलिस सेवा के जितने छंटे छटायें हुए अधिकारी हैं वे सब ए.सी.बी. में हैं उनकी की गई तफतिशों में कोर्ट में चार्ज तक नहीं लगता है उन्हें हर बात का एवं हर तरह का पूरा अनुभव है और उनकी योग्यता, कार्यकुशलता और विगत इतिहास को देखते हुए ही उन्हें ए.सी.बी. में लगाया जाता है। ए.सी.बी. में पहले तो जातीय समीकरणों के आधार पर लगाया जाता था उसमें योग्यता का कोई मापदण्ड नहीं होता था आजकल ए.सी.बी. का राजनीतिकरण हो गया है जो राजनीतिक दल पहले यह आरोप लगाते थे कि सी.बी.आई. का राजनीतिकरण हो गया है, सी.बी.आई. को सरकार अपने मफाद याने फायदे के लिये इस्तेमाल करती है आज वो ही लोग जो अब राज में हैं ए.सी.बी. का राजनीतिकरण करके कर्मचारीयों और अधिकारीयों को डरा धमका कर राज चलाने की चेष्टा कर रहे हैं इस साजिश का ए.सी.बी. वाले भी पूरा मजा ले रहे हैं, हर कमाऊ विभाग से ए.सी.बी. नियमित सुविधा शुल्क ले रही है और रजिस्टर में टिकमार्क कर रही है कि फलां विभाग से नजराना औऱ शुक्रराना आ गया है क्यों कि ए.सी.बी. में सारे ही कर्मचारी पुलिस के हैं उन्हें पता है कहां-कहां से उगाई होती है। जीवन के रंगमंच पर जब वो लोग ए.सी.बी. में होते हैं तो राम की भूमिका में होते हैं और जब राजस्थान पुलिस में होते हैं तो रावण की भूमिका में होते हैं पात्र वो ही होते हैं पात्रता बदलती रहती है यह साधू और शैतान वाला खेल है, लोक दिखावे के लिये चपरासीयों, पटवारीयों, बाबूओं और कुछ तकनीकी कर्मचारीयों को पकड़ कर अपनी पीठ थपथपाते रहते हैं और बड़े मगरमच्छों की मिजाजपुर्सी कर अपना नियमित चारा-चुग्गा लेते रहते हैं।
राजस्थान के माननीय गृहमंत्री कटारिया जी की योग्यता और कार्यकुशलता से तो सारा राजस्थान परीचित है विधानसभा अध्यक्ष माननीय कैलाश मेघवाल जी, उदयपुर (मावली) में सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि गृहमंत्री कटारिया जी केवल विधानसभा में ही कामयाब हैं और ऐसी ही कार्यकुशलता वो क्षेत्र में दिखाएं तो राजस्थान का भला हो सकता है, तो अब इस नज़ीर के बाद ऐसे में अब माननीया मुख्यमंत्री जी से ही आशा है कि वो इस विभाग को चुस्त-दुरूस्त और भ्रष्टाचार से मुक्त करेंगी जैसा कि उन्होंने आजकल राजस्थान पुलिस को कर दिया है, राजस्थान पुलिस की कार्यकुशलता और सजगता से अपराधों में कमी आई है, सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है, संगठित अपराधों में कमी आई है और साम्प्रदायिक दंगो एवं अपराधों पर बहुत अंकुश लगा है ऐसा ही कोई चमत्कार माननीया मुख्यमंत्री जी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में भी करें, इसे भ्रष्टाचार मुक्त करें, इसी आशा और अपेक्षा के साथ ….
राजेश टण्डन, राजस्थान का एक आम नागरिक, अजमेर।

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