देश के एक और सेक्युलर नेता सुधींद्र कुलकर्णी आज फिर पाकिस्तान के मुरीद हो गए । वे पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री कसूरी की किताब का विमोचन मुंह काला करवाने के बाद भी मुंबाई में ही करने पर अड़े है । मेरा मानना है की ऐसे लोग के साथ यही सुलुक होना चाहिए । यह खाते भारत की है और चिंता पाकिस्तान की करते है । भई कसूरी जी आखिर अपनी किताब का प्रमोशन भारत में ही क्यों करना चाहते है । पाकिस्तान में उन्हें इसके लिए जगह ही नहीं मिली क्या ।
क्यों की वो यह अच्छी तरह से जानते थे की भारत में इसकी टीआर पी बहुत ज्यादा आएगी । और अगर मुम्बई में इसका विरोध हुआ तो कुछ ही घंटो में इस देश का बेवकूफ मीडिया इसे इंटरनेशनल हाईट भी दे ही देगा । कसूरी को इससे ज्यादा अपॉरचुनिटी और क्या चाहिए । उनकी तो जैसे मनचाही मुराद पूरी हो गई है आज कालिख पुतने की घटना से ।
रहा सवाल सुधींद्र कुलकर्णी का तो वो मुँह काला करवाकर अपनी बची कूची इज्जत सरेआम नीलाम करवा चुके है और इसके बाद भी बड़ी ही बेशर्मी से वही काल मुँह लिए मीडिया से रूबरू होकर अपनी बहादुरी का बखान भी कर रहे है । मेरा मानना है की जब तक हमारे देश में ऐसे नपुंसक लोग मौजूद रहेंगे तब तक पाकिस्तानी यहाँ आकर अपना उल्लू भी सीधा करते रहेंगे और हमारी मीडिया का इस्तेमाल करके विश्व स्तर पर सुर्खियां भी बटोरते रहेंगे । यही हकीकत है दोस्तों ।
शायद मेरे शब्द कुछ ज्यादा ही कठोर लिखा गये है । किसी को बुरा लगे तो माफ़ी चाहता हूँ । वैसे आपकी क्या राय है ……
राकेश भट्ट