पानी की ‘मार’ झेलते लोग, तो आईपीएल मैच के लिए खुशियाँ ‘बटोरते’ राजनेता

शमेन्द्र जडवाल
शमेन्द्र जडवाल
जल की भयानक कभी और एक मटका पानी के लिये संघर्ष हमे यह सोचने पर विवश करता है कि, इसी तरह हम पानी का दुरूपयोग करते रहे तो आने वाले समय में हमें इस समस्या का विकराल रूप देखना पड़ेगा।हमें वयर्थ का पानी बहाते समय इस संघर्ष को याद रखना चाहिये। नागरिक अनु मिश्रा ने चेताते यह बात कही है।
इधर सूखे के चलते, महाराष्ट्र से आईपीएल मैच का तबादला होकर जयपुर को मिले हैं। लेकिन जिस सूखे से मैच महाराष्ट्र से स्थांतरित हुए हैं, वैसे हालात राजस्थान मे भी है। खुद जयपुर डार्क जोन मे है, 135 किमी बीसलपुर से पानी लाकर जयपुर को सप्लाई दी जा रही है। कई जिलो में संकट की स्थिति
अभी से गहराने लगी है। राजस्थान सरकार के आने वाले जल संकट को भाँपते, यह जरुरी होजाता है कि, आईपीएल के तीनों मैच का आयोजन, राज्य से बाहर हो। ये विचार सीकर के दीपमाला अमित शर्मा के है।
उधर एक बड़े दैनिक के फ्रंटपेज पर ही छपी खबर का हैडिंग् है, ” राज्य में पानी की एक एक बूँद के लिये मशक्कत ।” इसके मुताबिक, गर्मी शुरू होने के साथ ही, यहाँ कई जगह पानी को लेकर मारामारी
शुरू होगई है, हालात ऐसे कि, कहीं तीनचार दिनो मे पानी की आपूर्ती हो रही है तो कहीं, लोगो को कई कि.मी. दूर दराज के ईलाको से पानी लाकर प्यास बुझानी पड़ रही है। राज्य में पानी के श्रोत सूखने लगे हैं। यहाँ पानी के लिए मालामाल ‘कोटा’ मे भी लोगो को तपती दुपहरी में जूझना पड़ रहा है। पूरे साल पानी से लबालब बाँसवाड़ा का माही बाँध का पानी सूखने लगा है, वही ‘नागौर’ पानी सहेजने की पुरानी परम्परा को आज भी निभा रहा है।.. तो ‘अजमेर’ मे टैंकरो से होरही जलापूर्ती की गड़बड़ी रोकने को, प्रशासन ने टैकरों पर जीपीएस सिस्टम लगाया जाना अनिवार्य
कर दिया है, ताकि, जलापूर्ती के फर्जीवाडे़ को रोकने , व गंतव्य तक पानी पहुँचाने की सरकारी कवायद पर कंट्रोल रूम से नजर रखी जा सके।
तो दूसरी ओर राजस्थान जहाँ पिछले कमजोर मानसून की वजह से,राज्य पहलै ही अकाल की, विभीषिका से गुजर रहा है, वही आज भी राज्य के करीब 771 गाँव के पानी मे ‘फ्लोराईड’ अधिक है,और वहाँ लोग उसी पानी को पीने के लिए मजबूर है। राज्य के भीलवाड़ा जिले के 530 गाँव, बाढ़मेर के 466, टौंक के 445, दौसा के 398, अजमेर के 384 अलवर के 344, करौली के 321, जोधपुर के320, जैसलमेर के 301, सिरोही के 252, झुंझुनू के 252 गाँवो में भी
फ्लोराईड की मात्रा अधिक है।
अकेले ‘अजमेर’ जिले के लिये बनी – बीसलपुर योजना के बाँध से जयपुर को पानी मिल रहा है, लेकिन अजमेर के गाँव अभी इस पानी से दूर ही हैं। यूँ भी यहाँ बड़े नेताओं की गिनती तो आठ है, मगर उनका राजनैतिक दबदबा नही जैसा है।हाँ उनके स्वयं के ठाठ जरूर है।
राज्य में आईपीएल मैच करानेे लिए देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी से आरसीए को लिखित में हरी झंडी मिल गई है। उधर ललित मोदी ने पहलो तो ट्वीट करते बीसीसीआई पर जो नाराजगी दिखाई, वो शाम तक हवा हो गई। खेल मंत्री के मुताबिक मोदी राजी हो गये हैं।
अब आप ही बताईये, कुछ लाख क्रिकेट प्रेमियों की खुशी का बहाना करते जयपुर में की जारही मैच की तैयारियाँ,और राज्य ही मे पानी की मार झेल रहे, उन लाखो लोगों की पानी की जरूरत पर ही पानी फेरना, राजकाज की हठधर्मिता नही है?
उधर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने अपने ट्वीट में कहा कि, – ” हमने बाँध बनाने की कला तो सीख ली, लेकिन किसानों तक पानी पहुँचाने का विज्ञान नहीं जाना, बड़े भारी निवेष के बावजूद सिंचित क्षेत्र का विस्तार नहीं हुआ।”

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