कर्नाटक में आखिर “ओला” व “उबर” टेक्सी सेवा प्रतिबन्धित कर दी गई

सिद्धार्थ जैन
सिद्धार्थ जैन
विगत अर्से देश भर में तेजी से उभरी ओला व उबर टेक्सी सेवा पर आखिरकार कर्नाटक सरकार ने रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए। उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से लागू भी हो गये। प्रदेश में अब एप आधारित उक्त कम्पनी की टेक्सिया “फिलहाल” बंद हो गई।
राजस्थान पत्रिका ने राज्य सरकार के इस निर्णय को आज बेंगलोर संस्करण में खबर के रूप में प्रमुखता से प्रकाशित किया हे। उसमे बताया गया कि कर्नाटक सरकार ने अप्रेल में टेक्सी संचालन के लिए कुछ नये नियमो को लागू कर उसी अनुरूप लाइसेंस लेने के आदेश जारी किये थे। परिवहन विभाग ने इस पर कड़ी निगरानी रखी। उससे पता चला कि ये दोनों ही कम्पनियां मोटर यान कानून के उक्त प्रावधानों का लगातार उलंघन कर रही थी। इन नियमो में यात्री से बेवजह अलग से चार्ज लेने पर भी रोक थी।
स्वयं मुझे भी यात्री व एक पत्रकार की नजर से उन शिकायतों से रूबरू होने का मौका मिला। पिछले दिनों इस पर ही मेरा लिखा एक ब्लॉग बेंगलोर में काफी अच्छा ख़ासा चर्चित रहा। इन टेक्सी सेवा की विश्वसनीयता को देखते हुए ही शुरुआत में मेने सिटी रेलवे स्टेशन से उबेर काल की। उस दौरान महज दस किमी की दूरी के लिए 320 रु का बिल थमा दिया। डिटेल पूछने पर चालक ने व्यस्तम समय व कुछ अन्य चार्ज का हवाला दे दिया। ऐसे समय बाहरी यात्री करे भी तो क्या…? बाद में कुछेक बार और भी ऐसा ही सामना हुआ।
कोई भी सरकार किसी भी व्यवसाय को यो ही प्रतिबन्धित नही करती। आखिर किसी के रोजगार का सवाल जो होता हे…! पता चला हे कि परिवहन विभाग को इस आशय की शिकायते लगातार मिल रही थी। जिस पर अधिकारियों ने बराबर नजर बनाये रखी। इसके चलते ही विभाग ने बतौर सबक के अलग अलग स्थानों पर ऐसी अनेको शिकायती टेक्सियो को भी जब्त किया। उससे भी इन्होने कोई सबक नही लिया। कम्पनी वाले शायद किसी बड़े मुगालते में रहे। इसी के चलते वे राज के नियमो के साथ खिलवाड़ करते रहे। यात्रियों के साथ भी मनमानी करने से बाज नही आये।
अंतिम बात…यह भी तय हे कि यह रोक अधिक समय नही रह सकेगी। रहनी भी नही चाहिए। जब भी चालू हो…! कम्पनी इसका जरुर ध्यान रखे। सरकारी नियमो की अनुपालना करे। यात्रियों को अपना “अन्नदाता” मानकर ईमानदारी से चले।
कर्नाटक सरकार का आभार….।
सिद्धार्थ जैन पत्रकार, ब्यावर (राजस्थान)
094139 48333

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