*क्यों जरुरत पड़ी शराब बंदी के लिए वोटिंग की?*

हेमेन्द्र सोनी
हेमेन्द्र सोनी
राजस्थान के राजदा गाँव में शराब का ठेका खुलेगा या नहीं इसके लिए काफी जद्दोजहद के बाद वोटिंग का निर्णय करना पड़ा और उस में हुई वोटिंग में गाव वालो ने ख़ास कर महिलाओ और युवाओ ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और परिणाम सकारात्मक आया की गाव में शराब का ठेका नहीं खुलेगा । जिससे सरकार की मंशा पर सवालिया निशान खड़ा हो गया हे और यह फिर साबित हो गया की प्रदेश राजस्थान की जनता शराब बंदी के पक्ष में हे ।
कई जगह गावो में महिलाओ ने एक राय होकर गाव से शराब के ठेकेदार को गाव से बाहर कर दिया हे ।
एक बात समझ में नहीं आ रही हे की वो कोन हे जो गाव के निवासियो के भारी विरोध के बाद भी शराब के ठेका गाँव में खोलने पे आमादा हे और वहा की जनता को बर्बाद होते हुए देखना चाहते हे ।
शराब के ठेके का यह विरोध कोई पहली बार नहीं हुवा हे इससे पहले भी कई शहरो गावो और मोहल्ले में हो चुका हे कभी ठेका हटाने के लिए, कभी ठेका जगह बदलने के लिए तो कभी किसी अन्य कारण से विरोध होता आया हे । जब वहां के क्षेत्र वासीयो को वहां पे शराब के ठेके की आवश्यकता ही नहीं हे तो सरकार उन पर केवल चंद कागजी रुपयो के लिए वो ठेका उन क्षेत्र वासियो पर क्यों थोप देती हे ओर जब वहा की जनता उस इलाके के पार्षद, विधायक, सांसद से इलाके का ठेका बंद करवाने के लिए मदद की गुहार लगाती हे तो कोई भी मदद के लिए साथ देने को तैयार नहीं होता और जनता उस दिन के लिए अपने आप को कोसती हे जिस दिन उन नेताओ की मीठी मीठी बातो में आकर उनको वोट दिया था और उसके बदले में उन्होंने जनता के सामने सर झुका कर हाथ जोड़ कर वादा किया था की हम आपके सुख दुःख में काम आएंगे और जनता ने इसी विश्वास के साथ उनको वोट दे कर जिताया था ।
एक बात बताओ क्या किसी ने सरकार को शराब के ठेके खोलने के लिए वोट दिया क्या ? नहीं दिया तो फिर सरकार क्यों जबरदस्ती राजस्थान में शराब के ठेके खुलवाने पर आमादा हे ।
सारे जन प्रतिनिधि वक्त पर साथ देने के बजाय सब मुंह घुमा कर उलटे पाँव चल देते हे कोई साथ नहीं देता हे ।
राजस्थान में ऐसे ही पिछले कई वर्षो से पूजा छाबड़ा और उनके सहयोगी राजस्थान में पूर्ण शराब बंदी करने के लिए अनशन और आंदोलन को लगातार चला रहे हे ।
अब वक्त आ गया हे की राजस्थान की मुख्य मंत्री राजे को भी राजस्थान में भी पूर्ण शराब बंदी लागू कर एक ऐतिहासिक साहसपूर्ण निर्णय करना चाहिए, जिससे आने वाली पीढ़ी इस नशे से अपने आपको दूर रख सके और आपने परिवार के साथ अपना खुशहाल सामाजिक जीवन जी सके । पूर्ण शराब बंदी होने से इससे होने वाली विभिन्न बीमारियो के ग्राफ में भी कमी आएगी । जिस तरह सरकार ने डोडा पोस्त की लत छुड़ाने के लिए अभियान चलाया था जिसका हजारो लोगो ने लाभ उठाया और आज वो अपने परिवार के साथ खुशहाल सामाजिक जीवन जी रहे हे । जब राजे डोडा पोस्त के लिए अभियान में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले सकती हे तो उन्हें चाहिये की चंद रुपयो की खातिर प्रदेश की जनता को मोंत के मुंह में ना धकेले ।
? *शराब मुक्त राजस्थान होगा भारत की पहचान* ?
*हेमेन्द्र सोनी @ BDN जिला ब्यावर*

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