फिर सरकार का मतबल क्या, धर्म के नाम पर गुंडागर्दी क्यों

ओम माथुर
ओम माथुर
बलात्कार के आरोप में राम रहीम को सजा सुनाए जाने के बाद हरियाणा में डेरा सच्चा सौदा के समर्थकों ने जो उत्पात मचाया है, उसके लिए कोई और नहीं सीधे तौर पर हरियाणा सरकार जिम्मेदार है। हाईकोर्ट द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के आदेशों और अर्ध सैनिक बलों के साथ ही सेना को भी उतार देने के बावजूद डेरा के लोगों ने जो उत्पात मचाया है उसके लिए भाजपा की हरियाणा सरकार को देश को जवाब देना ही होगा।
सवाल यह है कि धारा 144 लागू होने के बावजूद डेरा के लाखों समर्थक सिरसा- पंचकूला कैसे पहुंच गए, जाहिर है वे छुपते-छुपाते या गुपचुप तरीके से नहीं चौड़े धाड़े मुख्य रास्तों से होते हुए इन शहरों तक पहुंचे थे। उन्हें रोकने के प्रयास ही नहीं किए गए और तो और पिछले 3 दिनों से इन शहरों में जगह जगह जमे इन लोगों को वापस खदेड़ने का भी कोई बंदोबस्त नहीं किया गया। और तो और यह लोग खुलेआम यह धमकी दे रहे थे कि उनके गुरु के खिलाफ फैसला हुआ तो वह देश में आग लगा देंगे और यहां तक कहा गया की विश्व के नक्शे से भारत को मिटा देंगे। लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया। TV चैनलों पर आगजनी व तोड़फोड़ की जो तस्वीरें दिखाई जा रही है वह इसलिए बेचैन करने करने वाली है क्योंकि इस बात की आशंका पहले ही थी । लेकिन उसके बावजूद सरकार इसे रोकने में नाकाम रही। ऐसा लग रहा है जैसे हरियाणा में कानून व्यवस्था का राज नही, राम रहीम के समर्थकों का कब्जा है।
आपको पता होगा कि पिछले विधानसभा चुनाव में डेरा सच्चा सौदा ने भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया था और अभी हरियाणा में BJP की सरकार है । इसलिए संभव यह भी है कि सरकार डेरा के खिलाफ खुलकर कारवाई करने में हिचक रही हो। वरना क्या कारण है कि सेना के होने के बावजूद उत्पाती सड़कों पर आतंक मचाते देखे जा रहे हैं । वोटों के लिए इस तरह के धर्म गुरुओं को बढ़ावा देकर हमारे देश के राजनीतिक खुद अपना ही नहीं देश का नुकसान कर रहे हैं क्योंकि आस्तीन में सांप पालने के खतरे ज्यादा है।
एक बात समझ नहीं आती धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह करने वाले ये धर्मगुरु क्या अपने चेलों को अहिंसा करना ही सिखाते हैं। चाहे आसाराम हो,चाहे रामपाल और अब राम रहीम। जैसे ही इन्हें इनके दुष्कर्मों की सजा के रूप मैं जेल जाना पड़ा उनके समर्थकों ने सड़कों पर उत्पात मचाया । अब लोगों को भी ऐसे गुरुओं की असलियत को समझना होगा जो इनसे धर्म की अफीम खाकर इतने बेसुध हो जाते हैं कि उनके लिए अपनी जान देने पर उतारू हो जाते हैं आस्था अपनी जगह है ,लेकिन इसकी आड़ में अंधविश्वासी कैसे हुआ जा सकता है ।डेरा के समर्थकों ने हरियाणा और पंजाब में करोड़ों रुपए की सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया हैं। देश की आजादी के 70 साल बाद भी अगर हम कानून का राज कायम ना कर पाए तो इससे बड़ी सरकार की विफलता और क्या होगी । आखिर इस तरह के उत्पात और आतंक का असली शिकार तो आम आदमी ही होता है और ऐसे माहौल का बंधक वही तो बन कर रह जाता है। कल्पना ही की जा सकती है अगर देश में अदालतें सख्ती नहीं बरते तो राजनीतिज्ञ एवं यह कथित धर्मगुरु देश की क्या हालत कर दें। और उन 10 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन होगा जो इस उत्पाद का शिकार होकर असमय मारे गए हैं।

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