मदमस्त उत्तर प्रदेस की पुलिस

sohanpal singh
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यूँ तो उत्तर प्रदेश की हमारी ढाई मुख्य मंत्रियों की सरकार बहुत ही सुचारू रूप से चल रही है, (ढाई इस लिए की एक मुख्य मंत्री आधे आधे दो उप मुख्य मंत्री तथा आधा मुख्य मंत्री का भार केंद्र के प्रधान मंत्री स्वयं संभाल रहे है ) लेकिब हैरानी इस बात की है, संघटित रूप से बहारी लोगो ने BHU में घुसकर प्रधान मंत्री के प्रवास के समय व्यवधान पैदा करने की कोशिस के उप कुलपति का कथन है की उनके पास सुबूत है इस बात के ? लेकिन ढाई मुख्य मंत्री होते हुए भीं किसी भी पुलिस प्रशासन के व्यक्ति यह पता नहीं कर सके की छात्र छात्राओं की उचित मांगो क्या है और अंदर खाने वे क्या खिचडी पका रहे है । लेकिन छात्रों के उग्र होने पर वी० सी० साहेब अब बगलें झाँक कर रहे हैं और पुलिस भी छात्रों पर किसी अपराधी की तरह लाठी डंडो का प्रयोग कर रही है ? जो किसी भी तरह से उचित नहीं क्योंकि जहाँ अपराध और कानून व्यवस्था पर पुलिस की स्थिलता आम देखी जा सकती है वहीँ छात्रों , शिक्षकों , और किसी भी प्रकार के आंदोलनकारियों पर पुलिस की बर्बरत पूर्वक डंडा चलाने की मर्दानगी देखी जा सकती है, इस लिए वी०सी० की मिलीभगत के कारण छात्राओं पर पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्वक लाठी चार्ज की जितनी भी भर्त्सना और निंदा की जाय वह कम ही होगीं?

एस पी सिंह , मेरठ

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