विश्व गौरैया दिवस पर गौरैया के संरक्षण का लिया संकल्प

20 मार्च 2017 दिन सोमवार को पश्चिमपुरी में पर्यावरण जागरूक समिति की तरफ से विश्व गौरैया दिवस मनाया गया। और इस अवसर पर उपस्थितजनों ने गौरैया के संरक्षण का संकल्प लिया।
इस अवसर पर पर्यावरण जागरूक समिति के सचिव ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि जंगल चिडियों की देन है, ये परिन्दे ही जंगल लगाते है, तमाम प्रजातियों के वृक्ष तो तभी उगते है। जब कोई परिन्दा इन वृक्षों के बीजों को खाता है और वह बीज उस पक्षी की आहारनाल से पाचन की प्रक्रिया से गुजर कर जब कही गिरते है तभी उनमें अंकुरण होता है, साथ ही फलों को खाकर धरती पर इधर -उधर बिखेरना और परागण की प्रक्रिया में सहयोग देना इन्ही परिन्दों का अप्रत्यक्ष योगदान है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रजाति को खत्म करना हो तो उसके आवास और उसके भोजन को खत्म कर दो कुछ ऐसा ही हमने किया है गौरैया के साथ, लगातार होता शहरीकरण, गांवों का बदलता स्वरूप, कृषि में रसायनिक खादें, लगातार बढता रेडिएशन एंव जहरीले कीटनाशक गौरैया के खत्म होने के लिए जिम्मेंदार हैं। फिर भी प्रकृति ने हर जीव को विपरीत परिस्थितियों में जिन्दा रहने की काबिलियत दी है और यही वजह है कि गौरैया कि चहक आज भी हम सुन पा रहे हैं। इसलिए आज हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि पशु-पक्षियों जो लगातार विलुप्त होते जा रहे हैं उनको बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिए जिससे कि पक्षियों को रहने के लिए स्थान मिल सके और गाँवों के शहरीकरण पर भी आज रोक लगाने कि जरूरत है।
इस अवसर पर पर्यावरण जागरूक समिति के सचिव ब्रह्मानंद राजपूत, मोहित चैहान, विक्रांत श्रीवास्तव, राहुल कुमार, दीपक चैधरी, अजय राजपूत, उमेश अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी उपस्थित रहे।

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