805 वां उर्स पल्स पोलियो कार्यक्रम

विष्व स्वास्थ्य संगठन ने 1988 में पोलियो उन्मूलन के लिये कार्य नीती तैयार की। पोलियो के विषाणु तीन प्रकार के होते हैः- टाईप – च्1, च्2 व च्3 होते है। इन तीनो ही प्रकार से पक्षाघात (लकवा) होता है। सक्रमण व पक्षाघात शुरू होने में 10 से 21 दिन का समय लगता है। यह वाइरस मुख्यतः व्यक्ति से व्यक्ति को मल के माध्यम से फैलता है। संक्रमण के पष्चात एक माह अथवा एक माह से अधिक तक विषाणु (वाइरस) निरन्तर निकलते रहते है। कोई संक्रमित बच्चा अपने पडौस विषेषकर जहां स्वच्छता की कमी है सम्भवतः उन बच्चों को संक्रमित करता है जिन बच्चो को पोलियो का टीकाकरण नही किया गया है।
भारत में 1995 में पल्स पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम की शुरूआत की गयी। जिसके अन्तर्गत 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दवा राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (एन.आई.डी.) व हाई रिस्क एरिया के लिये सब-राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (एस.एन.आई.डी.) के तहत पिलायी जाती है।
विभिन्न एन.आई.डी, एस.एन.आई.डी. एवं सघन टीकाकरण के फलस्वरूप भारत में 13 जनवरी 2011 को अन्तिम पोलियो केस पोलियो वाइरस टाईप-च्1 हावडा, पष्चिम बंगाल में पाया गया था। इस प्रकार भारत में पोलियो उन्मूलन का प्रमाण-पत्र विष्व स्वास्थ्य संगठन से 27 मार्च 2014 को प्राप्त कर लिया। परन्तु दक्षिण एषिया में भारत के पडौसी देष अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेष, नाईजीरिया आदि में अभी भी पोलियो के केस पाये जा रहे है। इन देषों से संक्रमण का खतरा अभी भी बरकरार है। अतः भारत सरकार ने इन सभी देषों से आने व जाने वाले यात्रीयों के लिए 01 मार्च 2014 से पोलियो वेक्सीनेषन अनिवार्य कर दिया गया है।
इस वर्ष भी ख्वाजा गरीब नवाज (र.अ.) का 805 वां सालाना उर्स मेले को मध्यनजर रखते हुए अजमेर शहर में 0 से 5 वर्ष के बच्चों की प्रतिरक्षण क्षमता (प्उउनदपजल) बढाने व पोलियो वाइरस के संभावित सक्रंमण से बचाने के लिये एसएनआईडी 19 मार्च 2017 से 21 मार्च 2017 को आयोजित किया गया। जिसमें पेराफेरी क्षेत्र के चार उपस्वास्थ्य केन्द्र कायड, घुघरा, दौराई व सोमलपुर को भी उर्स पल्स पोलियो में कवर किया गया। क्योकि इन चारों क्षेत्र में जायरीनों की आवक-जावक ज्यादा है। ताकि किसी भी प्रकार के सम्भावित पोलियो संक्रमण से बचा जा सके।
उर्स पोलियो के तहत अजमेर शहर के 97979 बच्चों को पोलियो की दवा पिलाकर प्रतिरक्षित किया गया। इसके लिये कुल 365 बूथों, 35 ट्राजिंट टीमो एवं 09 मोबाईल टीमो में 1300 वेक्सीनेटरस की सेवा ली गई। इनका सुपरविजन 68 सुपरवाईजरों द्वारा किया गया। जिसमें स्वंय सेवी ंसंस्थानो, इनर व्हील क्लब, रोटरी क्लब व निजी नर्सिग कॉलेजों का अच्छा सहयोग प्राप्त हुआ।
805 वां उर्स का झण्डा चढने के साथ ही अभियान के तहत दिनांक 24 मार्च 2017 से रेलवे स्टेषन, बस स्टेण्ड एवं दरगाह शरीफ क्षेत्र मे जायरीनों के साथ आने वाले 0 से 5 वर्ष के सभी बच्चों को पोलियो की अतिरिक्त खुराक पिलाकर प्रतिरक्षित किया जायेगा।
अजमेर व सरवाड शहर में कुल 09 ट्रांजिट पाइन्ट बनाए गए है जहां पर जायरीनों की आवक एवं ठहराव होता है, जायरीनो की आवक के अनुसार 66 ट्रांजिट टीमो मे नियुक्त 382 वेक्सीनेटर एवं 30 सुपरवाईजर्स के सहयोग से जायरीनों के साथ आने वाले 0 से 5 वर्ष के सभी बच्चों को पोलियो की अतिरिक्त खुराक पिलाकर प्रतिरक्षित किया जायेगा।

जिला प्रजनन एवं षिषु स्वास्थ्य अधिकारी
अजमेर

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