‘‘मायने गम्भीर होने के’’ का मंचन 16 को अजमेर में

राजीव गांधी आॅडिटोरियम, मा.शि.बोर्ड भवन में शाम 7 बजे से

अजमेर, 14 दिसम्बर ( )। अंग्रेजी के प्रख्यात साहित्कार आॅस्कर वाइल्ड के सर्वाधिक लोकप्रिय एवं विश्वप्रसिद्ध हास्य नाटक ‘‘ज्भ्म् प्डच्व्त्ज्।छब्म् व्थ् ठम्प्छळ म्।त्छम्ैज्’’ का हिन्दी रूपान्तर – ‘‘मायने गम्भीर होने के’’ का शनिवार, 16 दिसम्बर 2017 को अजमेर के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भवन स्थित राजीव गांधी आॅडिटोरियम में शाम सात बजे से मंचन होगा। इस नाटक के हिन्दी रूपान्तरकार और निर्देशक ‘गन्धर्व थियेटर’, ज़यपुर के सौरभ श्रीवास्तव हैं।

निर्देशक सौरभ श्रीवास्तव ने अजमेर के मूलचंद चैहान इंडोर स्टेडियम में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में मीडिया से रूबरू होकर बताया कि आॅस्कर वाइल्ड ने इस नाटक को सन 1894 में लिखा था जब वो अपनी साहित्यिक प्रौढ़ता के चरम पर थे, और इस कृति को निर्विवाद रूप से उनकी सर्वश्रेष्ठ रचना माना जाता है। इस नाटक का सर्वप्रथम मंचन 14 फरवरी, 1895 (वैलेन्टाइन डे) को सेण्ट जेम्स थियेटर, लन्दन में किया गया।

भारत की स्वतन्त्रता के बाद रियासतों और रजवाड़ों का राज तो समाप्त हो गया लेकिन उनका रहन-सहन, जीवन शैली और उनकी पुरानी राजसी ठसक बरकरार रही – जीवन, प्यार, शादी, धन-दौलत और मौजमस्ती के प्रति उनका नज़रिया वही सामन्ती सोच वाला रहा तथा ज़िन्दगी जीने की उनकी ‘स्टाइल’ वही पुरानी ठाठ-बाठ वाली रही !

अपने हिन्दी रूप में इस हास्य नाटक का स्थान और समय हैः हिन्दुस्तान की आजादी के बाद का – अवध – या यूँ कहें कि 1950 – 60 के दौरान का लखनऊ और उसके आस पास !

इस काॅमेडी नाटक में स्वस्थ पारिवारिक व साहित्यिक मनोरंजन तथा हास्य – व्यंग्य है। छद्म-वेश, झूठी पहचान और प्रेम भावना की बेवक़ूफी भरी अभिव्यक्तियों के अलावा धन के लालच और अपने सामाजिक स्तर को ज़रूरत से ज़्यादा महत्व देने की इच्छा आदि से लगातार इस नाटक में ऐसी स्थितियां बनती रहती हैं कि दर्शक हँसने पर मजबूर हो जाते हैं और लगातार ठहाके लगते रहते हैं।

अभी हाल ही में ओ0टी0एस0 जयपुर एवं जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली, नोजेगे आॅडिटोरियम श्री गंगानगर, जयरंगम फैस्टेवल रविंद्रमंच जयपुर, में इस नाटक ‘‘मायने गम्भीर होने के’’ के सभी प्रदर्शन अत्यधिक सफल रहे। अजमेर में होने वाला मंचन पांचवा होगा। इसके अगले ही दिन इस नाटक का मंचन 17 दिसम्बर को जवाहर कला केंद्र जयपुर में होना प्रस्तावित है। फिर जनवरी और फरवरी माह में बीकानेर, जोधपुर, दिल्ली स्थित सीएसओआई में नाटक का मंचन प्रस्तावित है। उल्लेखनीय है कि ‘‘अजमेर में मायने गंभीर होने के!’’ नाटक की प्रस्तुति माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान आॅफिसर्स क्लब, कला अंकुर, संस्कृति द स्कूल, स्पीक मैके, नाट्यवृंद संस्थाओं के सहयोग और समन्वय से की जा रही है।

error: Content is protected !!