खाली पेट

 

अभिमन्यु अनंत
अभिमन्यु अनंत

तुमने इन्सानों को खाली पेट दिया

अच्छा किया !

पर एक सवाल है ऐ क़िस्मत!

खाली पेट वालों को

तूने आँसू क्यों दिये?

उन तक पहुँचने वाले हाथ क्यों दिये?

साभार: हिन्दी की प्रतिनिधि श्रेष्ठ कवितायें

लेखक :अभिमन्यु अनंत, संपादक: बच्चन

 

देवी नागरानी
देवी नागरानी

सिन्धी अनुवाद:

तो मांणहुन खे खाली पेटु डिनो

सुठो कयुइ !

पर हिकु सवालु आहे ऐ क़िस्मत !

खाली पेट वारन खे

तो गोढ़ा छो डिना ?

उन्हन ताईं डिघेरण वारा हथ छो डिना?
-देवी नागरानी

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