बटन दबेगा आप का, वोट मिलेगा भाजपा को?

एस.पी.मित्तल
एस.पी.मित्तल

दिल्ली विधानसभा के चुनाव सात फरवरी को होने हैं। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और आप (आम आदमी पार्टी) के बीच है। दोनों ही दल चुनाव जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यही वजह है कि दोनों ही इन नकारात्मक प्रचार भी कर रहे हैं, ताकि परिणाम के बाद हार हो जाए तो बहाने गढ़े जा सके। 31 जनवरी की भाजपा और आप के नेता चुनाव आयोग पहुंच गए। आप के संयोजक और मुख्यमंत्री पद के दावेदार अरविन्द केजरीवाल ने आकांक्षा प्रकट की कि मतदान के दिन जब मतदाता ईवीएम मशीन पर आम उम्मीदवार का बटन दबाएगा तो वोट भाजपा को मिलेगा, क्योंकि ईवीएम में गड़बड़ी होने की वजह से मशीन की लाईट उम्मीदवार की जली। चुनाव आयोग ने केजरीवाल की आकांक्षा के मद्देनजर कहा कि यदि मतदाता को इस तरह की शिकायत मिले तो वह मतदाता केन्द्र पर उपस्थित पीठासीन अधिकारी को बताए। अधिकारी तत्काल ही नई ईवीएम मशीन का इंतजाम करेंगे। आयोग ने कहा कि ‘आपÓ के वोट भाजपा के पक्ष में नहीं जाने दिए जाएंगे। आयोग के रूख पर केजरीवाल ने संतोष प्रकट करते हुए कहा कि अब हम ईवीएम की गड़बड़ी के बारे में मतदाताओं को जागरूक कर रहे है। उन्होंने कहा कि भाजपा दिल्ली में किसी भी कीमत पर चुनाव जीतना चाहती है इसलिए कुछ भी कर सकती है। वहीं दूसरी ओर 31 जनवरी को ही भाजपा नेताओं ने एक शिष्टमंडल में चुनाव आयोग से ‘आपÓ के नेता और कवि कुमार विश्वास की शिकायत की। दो दिन पहले विश्वास ने दिल्ली की आम सभा में भाजपा की मुख्यमंत्री पद की दावेदार किरण बेदी का नाम लिए बगैर कहा कि भाजपा को अरविन्द केजरीवाल में दो गलतियां नजर आई। एक केजरीवाल मफलर पहनते हैं, दूसरा खांसते हैं। विश्वास ने मजाकिया लहजे में कहा कि क्या मफलर किसी से मांगा है और क्या किसी को केजरीवाल के बेडरूम में सोना है जो उनकी खांसी पर ऐतराज कर रहे हैं। कुमार विश्वास के इस भाषण को भाजपा अभद्र मान रही है। इसलिए कुमार विश्वास के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की गई है। इसी प्रकार 1988 की एक घटना को लेकर आम आदमी पार्टी के समर्थक वकील अब किरण बेदी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है। वकीलोंं का आरोप है कि बेदी 1988 में जब दिल्ली में डीएसपी के पद पर तैनात थी तब वकीलों को बुरी तरह से पीटा गया था। दिल्ली के चुनावों में जिस तरह बिना महत्व की बातें उठाई जा रही है उससे दिल्लीवासियों की मूल समस्याएं गौण हो गई है। ऐसा प्रतीत होता है कि हार जाने पर दोनों ही दल बचाव का तरीका अभी से ही तैयार कर रहे हैं। हरियाणा चुनाव के बाद यह माना जा रहा था कि दिल्ली में भी भाजपा जीत जाएगी, लेकिन जिस तरीके से संपूर्ण भाजपा ने ‘आपÓ पर हमला बोला है उससे लगता है कि भाजपा की जीत आसान नहीं है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी 31 जनवरी को एक बड़ी रैली को संबोधित किया। मोदी 5 फरवरी तक 4 रैलियों को संबोधित करेंगे। खांसने और मफलर पहनने वाले केजरीवाल को हराने के लिए भाजपा के सभी बड़े नेता, मंत्री, सांसद आदि मैदान में कूद पड़े हैं। भाजपा और आप की जंग में कांग्रेस का कोई शोर सुनाई नहीं दे रहा है। कांग्रेस अपने प्रचार को भी पैनी धार नहीं दे पाई।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

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