क्या भाजपा को नीचा दिखाने के लिए पीडीपी ने बनाई कश्मीर में सरकार

एस.पी.मित्तल
एस.पी.मित्तल

नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जिस भाजपा को लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिला है, उस भाजपा को राजनीतिक दृष्टि से नीचा दिखाने के लिए क्या पीडीपी ने कश्मीर में गठबंधन की सरकार बनाई है? पीडीपी के नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद ने 1 मार्च को सीएम पद की शपथ लेने के साथ ही शांतिपूर्ण चुनाव को लेकर जो बयान दिया, उसकी तस्दीक उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती ने 2 मार्च को कर दी। महबूबा ने एनडीटीवी पर दिए एक इंटरव्यू में कहा कि आतंकवादियों, पाकिस्तानियों और अलगाववादियों की वजह से जम्मू-कश्मीर में शातिपूर्ण चुनाव हुए हैं,इस बात को मानने में भाजपा को क्या हर्ज है? भाजपा को सच स्वीकार करना चाहिए। मुफ्ती मोहम्मद सईद के 1 मार्च के बयान पर 2 मार्च को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में हंगामा हुआ। केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि सईद ने जो बयान दिया, उससे सरकार सहमत नहीं है। शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय जम्मू-कश्मीर की जनता, वहां तैनात सुरक्षा बल और चुनाव आयोग को है। राजनाथ सिंह कुछ भी कह लें, लेकिन पीडीपी भाजपा को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। 2 मार्च को ही पीडीपी के विधायकों ने मांग कर दी कि संसद हमले के आरोपी अफजल गुरु के अवशेष कश्मीर लाए जाएं। विधायकों ने यह भी कहा कि संवैधानिक प्रक्रिया के खिलाफ 2 साल पहले अफजल गुरु को फांसी दी गई थी। पीडीपी के विधायकों की यह मांग भी भाजपा को मुसीबत में डालने वाली है। फांसी से पहले भाजपा पूरे देश में कांग्रेस के खिलाफ अफजल गुरु का मुद्दा उठाती रही। कांग्रेस के शासन में जब अफजल गुरु को फांसी दी गई तो भाजपा ने कहा कि यह काम तो पहले ही हो जाना चाहिए था, लेकिन अब कश्मीर में जिस पीडीपी के साथ मिलकर भाजपा सरकार चला रही है, उसी ने अफजल गुरु की फांसी की निंदा कर दी है। पीडीपी के इस हमले का जवाब भाजपा किस प्रकार देगी, यह अगले दिनों में पता चलेगा। पीडीपी के साथ सरकार बनाए सिर्फ दो ही दिन गुजरे हैं और इन दो दिनों में भाजपा को नीचा दिखाने के लिए दो बड़े हमले कर दिए गए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि पीडीपी के साथ सरकार बनाकर भाजपा फंस गई है। पीडीपी तो पहले से ही कश्मीर को आजाद करने की मांग करती आ रही है। क्या भाजपा पीडीपी की इस मांग को पूरा करने के प्रयास करेगी? भाजपा इस बात से खुश हो रही थी कि उसे पहली बार जम्मू-कश्मीर में 25 सीटे मिली हैं, लेकिन वहीं सईद और उनकी बेटी महबूबा ने बता दिया कि भाजपा को यह 25 सीटे आतंकवादियों की मेहरबानी से मिली हैं। यदि आतंकवादी चुनाव में कोई गड़बड़ी करते तो भाजपा को 25 सीटें नहीं मिलती। यानि 25 सीटों के लिए भाजपा को उन लोगों का अहसान मानना चाहिए जो कश्मीर को आजाद देखना चाहते हैं। तय कार्यक्रम के मुताबिक 3 मार्च को भारत के विदेश सचिव जयशंकर पाकिस्तान जाकर कश्मीर के मुद्दे पर वार्ता करेंगे। क्या जयशंकर पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों का शुक्रिया अदा करेंगे? कश्मीर में सरकार के गठन के बाद जो हालात पैदा हुए हैं, उसमें अब नरेन्द्र मोदी की सरकार को जल्द से जल्द ये बताना चाहिए कि हमारे विदेश सचिव किन मुद्दों पर पाकिस्तान से वार्ता करेंगे।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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