मोदी अब वह मोदी नही रहे

sohanpal singh
sohanpal singh

वास्तव में श्री मान नरेन्द्र दामोदर भाई मोदी अब वह मोदी नही रहे जो छवि उनहोने अपने लिए घडी थी एक अति पिछडी   घाँची (तेली)जाति और एक गरीब चाय वाले का बेटा जो दे श भर में घूम घूम कर मतों (वोटों )की भीख मागँकर  जनता से  देश सेवा का व्रत लेकर  वायदे पर वायदे  करते हुए अपने आपको प्रधान सेवक के रूप में प्रस्तुत कर प्रतिस्थापित किया था और अपने अच्छे नसीब के कारण  आखिर में मई  २०१४ भारत गणराज्य के  प्रधानमंत्री की सपथ ग्रहण कर प्रधानमंत्री भी बन ही गए । काम ओर घोषणाएं  तो अनगिनत की गई लेकिन धरातल पर अगर कुछ है तो वह है महंगाई की मार किसानो की दुर्दशा जो कटु सत्य है मोदी के शासन के दौरान हजारों  किसानों द्वारा की गई आत्म हत्याऐं  अपनी कहानी स्वयं ब्यान कर रही हैं । महंगाई के विषय में सरकार और सरकार के  पिट्ठू (प्रवक्ता गण )थोक महंगाई दर के शुन्य से भी नीचे जाने की बात बहुत दावे के साथ करते है लेकिन खुदरा मंहगाई की बात कोई पिट्ठू नही करता   एक वर्ष के अंतराल में जहाँ दाल की किमत १००रुपए से ऊपर है  इसी प्रकार रोजमर्रा की खाद्य वस्तुओं के दाम  डेढ से दुगने हो गए है। लेकिन मोदी देश से अधिक विदेश  मे घूम घूम कर अपनी पी आर बढाने में लगे हुए है ।  जैसे कोई  भूखा व्यक्ति खाना सामने आने पर सब कुछ एक साथ अपने उदर में भर लेना चाहता हो ।वैसै भी एक गरीब देश का प्रधानमंत्री दिन मे  पाँच बार नवाज न पढता हो परन्तु  एक दिन में  डिजाइनर कपडे पाँच बार  अवश्य बदलता हो  तो उसकी छवि अभिजात   वर्ग की  तो आज ऐसी ही बन रही है । लेकिन जनता है कि अपने पागल पन में आज भी उसी चाय वाले लडके को ढूँढ रही है । इसलिए हमारी सलाह तो यह है कि नरेन्द्र मोदी को अब अपने सरनेम को बदल लेना चाहिये मोदी के स्थान पर भोगी रख लेना चाहिए अन्यथा जनता स्वयँ बदल देगी ।
s.p.singh meerut

error: Content is protected !!