तो क्या मोदी के मंत्री कश्मीर को पाकिस्तान को सौंपना चाहते हैं

एस.पी.मित्तल
एस.पी.मित्तल

सवाल यह नहीं है कि केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने गाय का मांस खाने की बात कहकर देश के बहुसंख्यक हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। सवाल यह है कि गाय का मांस खाने पर रिजीजू ने जो तर्क दिए हैं, उससे देश की एकता और अखंडता को खतरा पैदा हो गया है। रिजीजू ने कहा कि मिजोरम में रहने वाला एक मिजो ईसाई यह कहता है कि वह ईसा मसीह की धरती पर है, तो पंजाब या हरियाणा में किसी को दिक्कत क्यों होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश हिन्दू बहुसंख्यक राज्य है तो वे ऐसे कानून बनाए जो हिन्दुओं की मान्यताओं के अनुरूप हैं। हमारे राज्य में जहां हम बहुमत में हैं, वहां कानून हमारी मान्यताओं के अनुरूप हो, इसमें किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए कि हम अपने राज्य में कैसे रहते हैं। हमारा मुल्क बहुजातिए, बहुधर्मिक और बहुसाम्प्रदायिक है। मान्यताओं और विश्वास के मामले में कोई हम पर दबाव नहीं बना सकता है। रिजीजू ने यह बयान नरेन्द्र मोदी की सरकार के ही अल्पसंख्यक राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के उस बयान पर दिया, जिसमें कहा गया था कि जिन्हें गौ मांस खाना है वे पाकिस्तान चले जाएं। नकवी ने यह बयान 21 मई को आज तक न्यूज चैनल पर अयोजित एक लाइव कार्यक्रम में दिया था। गृह राज्यमंत्री रिजीजू गाय का मांस खाने के लिए कुछ भी तर्क दे सकते थे, लेकिन ऐसे तर्क देश की एकता और अखंडता से जोड़कर दिए जाए तो बेहद ही आपत्तिजनक है। आज कश्मीर में अलगाववादी यही तो कह रहे है कि हमारा धर्म, हमारी संस्कृति, हमारी पहचान, खानपान आदि सभी कुछ पाकिस्तान की संस्कृति से मिलता है, इसलिए कश्मीर को आजाद घोषित कर दिया जाए ताकि बाद में पाकिस्तान में शामिल हो सके। कश्मीर में तो अब कोई हिन्दू भी नहीं रहता है तो क्या कश्मीर को पाकिस्तान को सौंप दिया जाए? रिजीजू मोदी सरकार के कोईसाधारण मंत्री नहीं है, देश के उत्तर पूर्वी राज्यों में रिजीजू आदिवासी चेहरा हंै और पीएम मोदी को रिजीजू पर काफी भरोसा है। इधर कश्मीर में पाकिस्तान का दखल है तो उधर अरुणाचल, मिजोरम आदि में चीन की नजर लगी हुई है। इन राज्यों के कई क्षेत्रों पर चीन अपना दावा करता है। यदि मिजोरम, अरुणाचल प्रदेशों के निवासी अपनी संस्कृति को चीन की संस्कृति माने और चीन में शामिल होने की मांग करें, तो क्या रिजीजू इस मांग का भी समर्थन उसी तरह करेंगे, जिस तरह गाय का मांस खाने के पक्ष में तर्क दिए जा रहे हैं। जब मोदी सरकार के भरोसेमंद मंत्री ही गाय का मांस खाने की वकालत कर रहे हैं तो देश में गौ हत्या पर पाबंदी लगाना संभव ही नहीं है। मोदी ने कई बार कहा है कि मंत्री और भाजपा के बड़े नेता जुबान संभाल कर बोले, लेकिन रिजीजू जैसे मंत्रियों पर मोदी की बात का कोई असर नहीं हो रहा है। आने वाले दिनों में कश्मीर के अलगाववादी रिजीजू के बयान को आधार बनाकर ही भारत की अखंडता को चुनौती देंगे।
एस.पी.मित्तल (spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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