राजन जयपुरिया की रचना का देवी नागरानी द्वारा सिंधी अनुवाद

Rajen Jayराजन जयपुरिया
चादर

ख़्वाबों के ताने, और
यादों के बाने लेकर
जुलाहा वक़्त का
सन्नाटे की चादर बुनता है
उसे
सफ़ेद चाहों और स्याह आहों
से रंग देता है
रंगरेज बेवक़्त का
फिर
मुहब्बत और नफ़रत के बाज़ार में
इज़्ज़त और रुस्वाई की क़ीमत पर
बेच देता है उसे बजाज गर्दिश का !
पता: PK सतोपति, भगवती स्ट्रीट, PO/District नव नागपुर, ओड़ीसा-764059

Devi N 1सिन्धी अनुवाद: देवी नागरानी
चादर

ख़्वाबन जा ताना
ऐं
याद्युनि जा बाना खणी
सन्नाटे जी चादर उणे थो
वक़्त जो कोरी (उनण वारो)
सफ़ेद ख्वाइशुन ऐं स्याह आहुनि
खे रंगें थो छडे
रंगरेज़ बेवक़्त जो
पोइ
मुहब्बत ऐं नफ़रत जे बाज़ारि में
इज़्ज़त ऐं रुस्वाईअ जी क़ीमत ते
विकणी थो छडे वणजारो गर्दिश जो !
पता: ९-डी॰ कॉर्नर व्यू सोसाइटी, १५/ ३३ रोड, बांद्रा , मुंबई ४०००५० फ़ोन: 9987938358

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