एक संत से नेता ने पूछा- महाराज योग्य नेतृत्व में क्या क्या गुण होना चाहिए ?
महाराज बोले- रस्सी (धागा), सूई , व गठान तीनो के प्रयोग में जो गुण होते हैं । वे गुण होना चाहिए।
नेता बोला-ठीक कहा महाराज। आज के जमाने में जो नेता जनता के गले में रस्सी से गठान लगा कर सूई चुभोये वैसे ही नेता की आज जरुरत है। वही योग्य हो सकता है।
महाराज मुस्कुराते हुए बोले -नही वत्स ? मेरा तात्पर्य यह है कि मोतीरुपी जनता को जो नेता सुई में धागा डाल कर गॉठ बांध कर माला के रुप में संगठित करे वो ही योग्य नेतृत्व होता है।
हेमंत उपाध्याय
व्यंग्यकार एवं लघुकथाकार, ललित निबंधकार
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Nice
श्रेष्ठ निति लघुकथा ।।।