सावधान! भाग- 09

dr. ashok mittal
dr. ashok mittal
जीवन दायी औषधियां आपको मौत के मुंह में ले जा सकती हैं, फिर न मिलेगी मौत और न बचेगा जीने लायक जीवन!!
जे.एल.एन मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रोफ़ेसर डॉ. एस.के.अरोरा ने बताया की स्टेरॉयड वास्तव में एक जीवन रक्षक औषधी है, इसके अलावा भी यह कई असाध्य रोगों में अति प्रभावशाली व उपयोगी है. उदाहरण के तौर पर गढ़िया-बाय, अल्सरेटिव कोलाइटिस, कुछ किस्म की एल्लर्जी, कोलेजन-डिजीज़, दमा के अलावा आँखों, नाक, कान, व फेफड़ों बीमारियों में.
यदि यह कहा जाए की सबसे ज्यादा दुरूपयोग भी इस औषधी का हो रहा है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी. जब तक इसे देना न देना विशेषज्ञों के हाथ में है तब तक यह अमृत सामान है और जब नीम हकीमों के हाथ लिखी या दी जाती है तो विष सामान है. नीम हकीमों ने इसका एक मज़ाक सा बना दिया है, जो बात बिना बात ये दवा शीघ्र लाभ हेतु दे देते हैं, लेकिन मरीज नहीं जानता की इस शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के कितने घातक परिणाम हो सकते हैं.
कई बार खांसी-जुखाम, साधारण जोड़ों का दर्द, खुजली व अन्य नगण्य सी बीमारियों में इनका सेवन करने की राय दे दी जाती है, जिसकी वजह से मोटापा, बदन की सूजन, बीपी को हाई, शरीर की प्रतिरोध शक्ति को कम, मानसिक रोग, पागल-पने के लक्षण इत्यादि पैदा होने लगते हैं. डॉ. अरोड़ा सर ने आगे कहा की:-
“रोगीयों को भी जागरूक हो कर ये समझना जरूरी है की तात्कालिक लाभ के लिए नहीं बल्कि सुरक्षित व उचित इलाज़ की ही शुद्ध इच्छा ही से वे चिकित्सक के पास जाएँ और जादुई इलाज़ के चक्कर में पढ़ कर दूरगामी खतरों को न्योता न देवें.. डॉक्टर द्वारा बताये गए निश्चित समय अवधी पश्चात इनका सेवन वर्जित है. स्टेरॉयड का सामान्य रोगों में प्रयोग रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने आवश्यक हैं. दवा विक्रेताओं व ओषधि बितरण की प्रक्रिया से जुड़े सभी जिम्मेदार अफसरों, दुकानदारों, चिकित्सकों आदि को इन का उपयोग सही सही हो, ये सुनिश्चित करना आवश्यक है.”
आगे की पोस्ट में ये बताना जरूरी है की ये स्टेरोइड्स कौन कौन से साल्ट्स या केमिकल नामों में उपलब्ध हैं. इनके ब्रांड नाम तो हर कंपनी जो इसे पैक करती है वो अपना नाम रखती है, तो ये हज़ारों तरह के हो सकते है, लेकिन इन हजारों ब्रांड में जो साल्ट याने केमिकल होता है वो किस किस नाम का हो सकता है, इसकी जानकारी लेंगे व इसके अलावा ये भी जानेंगे की ड्रग्स एंड कास्मेटिक एक्ट व मेजिक रेमेडीज एक्ट क्या है ?
डॉ.अशोक मित्तल, मेडिकल जर्नलिस्ट, drashokmittal.blogger.in
Dr.Ashok Mittal Medicial Journalist · Post

error: Content is protected !!