“आतंकवाद “

उर्मिला फुलवरिया
उर्मिला फुलवरिया
वर्तमान समय में भारत की ज्वलंत समस्या “आतंकवाद “कालरूपी ” सर्प की भाँति हमे निगलने के लिए तत् हो मुँह खोले दायें -बायें खड़ी है हमारे भारत का भविष्य “आज का बच्चा ” इस समस्या से चार- चार हाथ करने के लिए स्वयं को अटल इरादे व हौंसले के संग सहर्ष तैयार कर चुका हैं ।
आज इस रचना के माध्यम से भारत का वही भविष्य आतंकवाद को चुनौती देंने के लिए उसके सामने ध्वस्त करने हेतु आ खड़ा हुआ है।
राष्ट्रप्रेम के इन्हीं भावों के साथ

भारत का यह बच्चा-बच्चा
देगा एक भविष्य निराला
आज इसी प्रण हेतु
हमनें अपना सीना ताना ।
आतंकवाद बन समस्या
छा गई इस धरा पर
समूल नष्ट कर देंगे
बदल देंगे इसे जरा में ।
हे! आतंकवाद,अब हो गया क्यों मौन?
खोल अपने भेद भरे दृष्टिकोण
तुषारापात करती आज हमारी बोली
मात देगी तुझे आज हमारी टोली ।
भारत की इस पावन भूमि पर
नेस्तोनाबूत कर देंगे ,आज तुम्हारे इरादे
कुचल देंगे उन कदमों को
माँ के आँचल पर तुने जो डाले ।
भारत माँ के लाड़ले ,
देते आज तुझे चुनौती
वक्त रहते सम्भल जा
वरन् बन साक्षात काल ।
चलेंगें ऐसी चाल
उससे तु अछूता न रह पाएगा
तेरा अस्तित्व निज में समा जायेगा
कराल-मरकट तुने इस धरा को बनाया ।
अफसोस कर तु स्वयं,स्वयं पर
तुझे अल्लाह के नेक कर्मो पर जीना नहीं आया
भारत का बच्चा-बच्चा
देगा एक भविष्य निराला
आज इसी प्रण हेतु
हमने अपना सीना ताना ।।

– उर्मिला फुलवारिया
पाली-मारवाड़ (राजस्थान)

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