क़लम उठ जाती है

नटवर विद्यार्थी
नटवर विद्यार्थी
देश चूसने वाले खटमल ,
सभी जगह पर छाए ।
आज कहावत सही हो रही ,
बाड़ खेत को खाए ।
सबकी अपनी-अपनी तृष्णा ,
देश भाड़ में जाए ।
सभी मगन है, यही लगन है ,
कितना , कहाँ कमाए ?
– नटवर विद्यार्थी

error: Content is protected !!