कहावत हे… *”धान खावे धणी को और गीत गावे वीरा को।”* क्या खूब हे। हम ऐसे-ऐसे सिरफिरो को सेलिब्रिटीज का तमगा लगा लेते हे। जिन में समय की नजाकत को पहचाने की काबिलियत ही नही होतीे। वे ऐसा ट्रीट करते हे मानो भारत के शहंशाह ही हो गये हो…? *कम पढ़े लिखे गवार जाहिल गुस्सेल* को हम भारतीय ही हे, जो इतना माथे चढ़ा लेते हे कि वह यह ख़्वाब पालने की जुर्रत कर लेता हे कि बैलगाड़ी उसी के ऊपर चल रही हे। बड़े कहते भी आये हे कि *गधे को टीनापोल से कितना भी रगड़ कर नहलाओ वह उजला नही हो सकता*
विगत दिनों से हम सब सवा सौ करोड़ देशवासी टकटकी लगाये देख रहे हे। पकिस्तान ने कैसे अपनी ओकात दिखाने की हिमाकत की हे। यह तो भाग्यशाली हे हम देशवासी। कि अब हम सुरक्षित हाथों में हे। उसी की बदौलत हमारे रणबांकुरे जवानो के हाथो में थमी रायफले गरज उठी। *बेखोफ सैनिको ने जान हथेली पर लेकर आतंकियों को उनके ही घरो में घुस कर नर्क में भेज दिया।* इससे पहले तक मोदी को पानी पी पी कर कोसने वाले विरोधियो ने भी दांतों तले अंगुलिया दबा ली। इन सभी देशभक्तों ने भी अपने प्रधानमन्त्री की खुल कर मुक्त कंठ से प्रशंसा की। कांग्रेस के युवा नेता राहुल गांधी तक ने पहली बार मोदी का लोहा माना। *देश के सभी राजनितिक दलों के साथ आम भारतीय ने भी एकमेव स्वर में पाकिस्तान से सभी तरह के सम्पर्को को तिलांजली देने की आवाज बुलन्द करना शुरू कर दिया।*
देश का दुर्भाग्य देखिएगा…! इस ब्लॉग की शुरुआत में मैने जिस कहावत का जिक्र किया। वह इस देश के *नचनिये* सलमान खान पर फिट बैठती हे। एक समय वो भी था जबकि इसे कोई जानता तक नही था। यह तो भला हो हम फ़िल्मी रसिको का कि जिन्होंने इसकी फिल्मे देख-देख कर इसे सर चढ़ा दिया। सर भी इतना कि यह शख्श यह गलती पाल बेठा कि इसके मुकाबले कोई भी नही हे। आये दिन इसकी ऐसी ही हरकते देश वासियों के सामने आ रही हे। *इससे इनके पिता तक शर्मसार हो आम माफ़ी मांगने को बेबस होते हे।* लेकिन बेटे पर इसका कही कोई भी असर नही दिखता। पाकिस्तान में आतंकियों पर भारत के हमले के बाद पाक में भारतीय फिल्मे बेन कर दी गई।
पाक के रवैये से खासे आक्रोशित बालीवुड ने भी भारत में काम कर रहे पाक कलाकारों के बहिष्कार की घोषणा करते हुए उनको चले जाने की चेतावनी दी। पाक से नाराज आम जनता ने भी इसका समर्थन किया। लेकिन भारत के ही अन्न-जल से *बजरंगीभाई सुलतान बाडीगार्ड* और ना जाने क्या क्या बनकर बेठा अहसान फरामोश यह नचनियां उस दुश्मन देशवासियों के समर्थन में खड़ा होने की जुर्रत कर रहा हे…! उसे अंदाजा नही हे कि इसके इस नाजायज कदम से देशभक्त मुस्लिमो को कितनी पीड़ा हो रही हे। अच्छा तो यह होगा कि *अब समय आ गया हे। भारत का प्रत्येक मुसलमान भी ऐसे देशद्रोही सा व्यवहार करने वाले इस शख्स के विरुद्ध लामबद्ध होने का साहस कर मैदान में खड़ा दिखे।* अपनी जमात के लोगो के विरोध से ही ऐसे सिरफिरो पर लगाम कस पाना सम्भव हो सकेगा। चाहे वह किसी भी बिरादरी का ही क्यों ना हो। *देश की अस्मिता और अखण्डता के सवाल पर हम सब सवा सौ करोड़ देशवासी विशुद्ध “हिन्दुस्तानी” हे।*
*सिद्धार्थ जैन पत्रकार, ब्यावर (राजस्थान)*
*094139 48333*