‘काश’

अनीता अजय हांडा
अनीता अजय हांडा
पुराने नोट से दुगुणी दर पर सोना खरीदने वाले सोच रहे हैं ‘काश’
क्यों ‘काश’ कहते है लोग ??
इस लब्ज का सहारा लेते है लोग ।।
ये ‘काश’ न होता तो क्या होता ??
तो हर कोई इसके सहारे अपनी गलतियां न धोता,
कुछ गलत होता तो ये न कहता,
‘काश’ मैं वह न करता तो ये न होता,
हौसलों को झुकाता है ‘काश’,
नाउम्मीदगी को जगाता है ‘काश’,
काश के ये ‘काश’ ना होता ,
तो हर हार को लेकर इंसान निराश न होता ।।

अनीता अजय हांडा
मुम्बई

error: Content is protected !!