आदर्श महिला

हेमंत उपाध्याय
हेमंत उपाध्याय
एक आदर्श महिला थी। वो अपनी सांस की खूब सेवा करती । आने वाले हर मेहमान का खूब आदर करती थी ,पर उसकी अपनी सांस से बिलकुल नहीं पटती थी। बाद मैं पाया कि उसकी अपनी जेठानी से भी नहीं निभती थी । उसकी देवरानी से भी नहीं जमती थी । जब ननंदे आती तो वो उनका खूब आदर सत्कार तरह -तरह के व्यंजनो से करती। ननंद के लिए साड़ी बच्चो के लिए रेडिमेड कपडे आदि लाती । ननंदोई को बडा नोट व नारियल भी बिदाई में देती पर ननंदो से भी नहीं पटती थी । हर शादी में पेरावणी भी करती । हार कर वो सब से आलग हो गई । कुछ बर्षों बाद सुंदर सुशील बहु आई ,परन्तु चंद माहो में ही उसकी उससे भी नहीं पटी । सब कुछ अच्छा होने के बाद भी उसकी जुबान कैची की तरह चलती थी, जो उसके आदर्श व व्यवहार के चिंदे चिंदे कर देती। वो मजबूर थी । उसका पूरे घर पर नियंत्रण था पर अपनी जबान पर नियंत्रण नहीं था ।

हेमंत उपाध्याय खंडवा। 7999749125 9425086246 9424949839 [email protected]

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