गाय की पूजा करने वाले देश में ही गो हत्या !

go mata 1go mata 3सतीश शर्मा, उदयपुर – हमारे देश में सदा दूध-दही की नदियां बहने वाले प्रसंग हम अपने बुजुर्गों से सुनते आए हैं। आधुनिकता के कारण हमारे समाज में सभी की सोच बदली है और संवेदनाएं कम इुई हैं और हमारे देश का गोवंश प्रतिदिन काल का ग्रास बनता जा रहा है। हमारी संस्कृति में दयाए करुणा और सेवा को प्राथमिकता दी गई है, तभी तो नंदलाल यानि की भगवन कृष्णा ने अपनी लीलाओं में गोवंश के साथ अपना जीवन बिताकर हमें जीवों के प्रति प्रेम का संदेश दिया। आज उसी धरा पर बेरोक-टोक गोवंश को मौत के घाट उतारा जा रहा है और हम अपने व्यस्त जीवन का हवाला देकर अपनी संस्कृति की ओर पीठ किए हुए हैं।
हम मीडिया में आए दिन गोवंश की हत्याओं की खबरों को नजर अंदाज कर देते हैं। फेसबुक की आभासी अथवा यथार्थ से काफी दूर स्थित आभासीय जीवन जी रहे हैं। कैटरीना और रणबीर के नमकीन नजारों को खोजने और उन पर कशीदे गढ़ने के लिए हमारे पास घंटों का समय निकल आता है और गोवंश की जघन्य हत्याओं की ओर हमारा ध्यान नहीं जाता है।
गोवंश की हत्या और उसके कारोबार पर एक नजर –
आज भी हमारे देश भारत में खुले आम गोमांस 120 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। एक गोवंश का वध करने से कसाई को लगभग 350 किलो मांस आसानी से प्राप्त हो जाता है। इसके अलावा वह गोवंश की चमड़ी और हड्डियों का अलग से कारोबार करता है।
चारा महंगा होने और पशुओं को पालने में ज्यादा मेहनत होने के कारण अब ग्रामीण पशुपालन से दूर होते जा रहे हैं और वे अपने पशुओं को 8000 से 9000 रुपए में बेच देते हैं।
आपदा ग्रस्त अथवा सूखा प्रभावित इलाकों में तो हालत और भी बदतर है। यहां के पशुपालक 3000 रुपए में ही अपने पशु को बेच देते हैं।यदि इस मांस को अन्य देशों में निर्यात किया जाता है तो वहा इसकी कीमत हमारे देश से तीन.चार गुना अधिक दाम मिलते हैं,लेकिन ये दाम तय होते हैं,उन परिस्थितियों में आखिर किस देश को मांस निर्यात किया जा रहा है।
हमारे देश में रोज 10 से 15 हजार पशु की हत्या –
एक आकडे के अनुसार भारत में प्रतिदिन क़त्ल खानों 10 से 15 हजार पशुओ की हत्या होती है। गोवंश पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए हमें ऐसी सरकार को केंद्र में लाना होगा, जो भारतीय सभ्यताए संस्कृति और रीति.रिवाजों की पैरवी करती हो। जब तक ऐसी सरकार देश में पूर्ण बहुमत से नहीं आएगी, जब तक गोवंश पर यूं ही अत्याचार जारी रहेंगे।
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में अत्याधुनिक कत्लखाने मे ऐसी मशीनों का प्रयोग किया जाएगा, जो एक दिन में हजारों मवेशियों की हत्या करेगी। यह एक ऐसी प्रणाली है,जिसमें पशु को एक संकरी गली में प्रवेश करने पर मजबूर किया जाता है।
पशु जब इस मशीन के आखिरी सिरे तक पहुंचता है तो उसके समाने एक शीशा आता है,जैसे ही पशु अपनी तस्वीर शीशे में देखता है,तो अपनी अपनी ही तस्वीर को छूने के लिए जैसे ही अपना सिर अंदर करता है। उसकी गर्दन मौत की मशीन में जकड़ जाती है और तुरंत उसका सिर धड़ से अलग हो जाता है।
अब है हमारी बारी-

सतीश शर्मा
सतीश शर्मा

हमें गोवंश की रक्षा का बीड़ा उठाना होगा। हो सकता है मेरे द्वारा जुटाए गए आंकड़े पूर्ण रूप से सही नहीं भी हों अथवा सत्य से दूर हों, किन देशभर में लाखों अघोषित कत्लखाने चल रहे हैं और मोटे कमीशन के लालच में हमारे देश का शासन.प्रशासन आंख मूंदे बैठा है। मुझे यकीन है कि हिंदू, मुस्लिम,सिख और इसाई, चाहे कोई भी हो यदि वह सच्चा भारतीय है और भारत की संस्कृति में विश्वास रखता है तो वह अहिंसा परमो धर्म के सिद्धांत का पालन करते हुए गोवंश की रक्षार्थ अपनी आवाज बुलंद करेगा।

4 thoughts on “गाय की पूजा करने वाले देश में ही गो हत्या !”

  1. गाय हमारी माता है ।
    और मेरी माँ को मैं बचाने के लिये कुछ भी कर सकता हूं।

    • गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए
      यदि आप भी ऐसा चाहते है, तो निम्न लिखित पत्र प्रधानमंत्री को [email protected] पर पर भेजे।

      सेवा में,
      माननीय प्रधान मंत्री महोदय,
      भारत सरकार, नई दिल्ली।

      विषय :- गाय माता को राष्ट्रीय पशु बनाने हेतु।

      मान्यवर,

      गुरु पूर्णिमा १२ जुलाई २०१४ की पूर्व संध्या पर बाबा जय गुरुदेव गुरु पूर्णिमा सत्संग समारोह स्थल, नेशनल हाईवे – ८, अजमेर रोड, रामचन्द्रपुरा, जयपुर, राजस्थान में विश्व विख्यात परम संत बाबा जय गुरुदेव जी महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी संत श्री उमा कांत जी महाराज ने देश – दुनिया को वर्तमान एवं आसन्न संकटो से उबारने के लिए सरल उपाय बताते हुए कहा है कि संत महात्माओं की भूमि भारत में आध्यात्मिकता का लोप होता जा रहा है। अपराध, भ्रस्टाचार, अपहरण, बलात्कार, बढ़ता जा रहा है। प्रकृति, देवी-देवता नाराज हो रहे है। जिससे अमन चैन नहीं रहा है। संत उमाकांत जी महाराज ने बताया कि इन तकलीफो की जड़ मांस और शराब है।

      उन्होंने कहा कि ८४ लाख योनियों में मनुष्य शरीर से पहले गाय और बैल की योनि है। इसके बाद फिर यह देव दुर्लभ शरीर मिलता है। जिससे साधना करके नरक, चौरासी, जनम-मरण से छुटकारा मिलता है। दू:ख के संसार में फिर नहीं आना होता है। ऐसी गाय माता को लोग मार कर खा जाते है। सोचो, जिसका दूध पीते, माता कहते उसी का मांस खाते है। कुदरत सजा दे देगी। गाय को राष्ट्रीय पशु बना देने व गौ माता को मारने पर फांसी की सजा हो, ऐसा विधान बना देने से गौ माता की जान बच जाएगी। महाराज जी ने कहा कि इस काम को प्रधान मंत्री व मुख्य मंत्री ही कर सकते है। ईश्वरीय शक्ति ने ही इनको इस उच्च पद पर पहुचाया है, कुछ करने लायक बनाया है। अगर यह काम कर दे और जनता को न्याय व सुरक्षा दे तो मैं उस मालिक से रोजी रोटी सबको दिला दूँगा और भजन- पूजन-साधना के द्वारा आध्यात्मिक शक्ति दिला करके भारत को विश्व गुरु बना कर दिखा दूंगा।

      देश की करोडो जनता की भावनाओं की क़द्र करते हुए आप से प्रार्थना है कि आप गौ माता को राष्ट्रीय पशु घोषित करके ऐसा विधान बना दें कि गौ हत्या करने वाले को फांसी की सजा हो जाये। आप की बड़ी मेहरबानी होगी।

      मैं संत उमाकांत जी महाराज ( बाबा जयगुरुदेव आश्रम, उज्जैन ) की गौरक्षा संबधी उपर्युक्त अपील (प्रस्ताव) से पूर्ण सहमत हूँ । मैं इसका समर्थन करते हुए प्रार्थना करता हूँ कि गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने का कानून बनाया जाये और गौ हत्या करने वालो को फांसी की सजा दी जाये। आप की अत्ति कृपा होगी।

      भवदीय

  2. Bhaiyo jis type se Anna ji ne lokpal k liye delhi mai aandolan kiya tha theek usi type se mai bhi go (cow) hatya k birodh mai aandolan krna chahta hu… hum sabhi hindu ko milkr iske liye kanoon banane ki mang krni hogi. Abhi center mai BJP ki purn bahumat ki sarkar hai so ye kam ho skta hai.ydi koi is bishay mai soch rakhta hai to wo mujhe cal kre 08449487652

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