नेपाल को 10 हजार करोड़ नेपाली रुपये की मदद करेगा भारत

narendra-modi-in-nepalप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को काठमांडू स्थित नेपाली संसद को संबोधित किया. दो दिवसीय दौरे पर पड़ोसी देश पहुंचे मोदी ने नेपाल को 10 हजार करोड़ नेपाली रुपये के रियायती कर्ज का ऐलान किया. मोदी ने पड़ोसी देश की जमकर तारीफ की और दोनों देशों के बीच रिश्ते को गंगा और हिमालय जितना पुराना बताया. उन्होंने नेपाल में संविधान-निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने पर खुशी जताई और कहा कि युद्ध से बुद्ध की तरफ जाने की इस प्रक्रिया को वह नमन करते हैं और इससे दुनिया भर में हिंसा को जरिया बनाने वाले लोगों को पुनर्विचार करने का संदेश मिलेगा.

पढ़िए नरेंद्र मोदी का पूरा भाषण
काशी से अपनी यात्रा आरंभ की और पशुपतिनाथ के चरणों में आकर खड़ा हुआ हूं. ये भूमि है जिसने विश्व को अचंभित करने वाले भगवान बुद्ध को जन्म दिया है. ऐसी सांस्कृतिक विरासत की धनी है. काशी में एक मंदिर है जहां का पुजारी नेपाल का होता है और नेपाल में पशुपतिनाथ मंदिर है जहां का पुजारी भारत का होता है. हिंदुस्तान ने आज तक कोई लड़ाई नहीं जीती है, जिसमें किसी नेपाली का रक्त न बहा हो. नेपाल का बहादुर कभी मरने मिटने के लिए पीछे नहीं रहा. भारत के लिए मरने मिटने वाले इन बहादुर नेपालियों को मैं आज नमन करना चाहता हूं.  भारतीय सेना के एक फील्ड मार्शल कहते थे कि अगर वह मरने मारने को तैयार है तो या तो वह झूठ बोल रहा है या वह गोरखा है. लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला पूरा विश्व आज आप सबकी तरफ देख रहा है. संविधान के निर्माण के लिए ऋषि मन का होना जरूरी होता है. कितना पवित्र, उम्दा, व्यापक, विशाल काम आपके पास है और कितने भाग्यशाली हैं कि आपके पास अब संविधान निर्माण का काम है, इसलिए मैं आपको नमन करने आया हूं.

आपका संविधान जो बनेगा, वह नेपाल के लिए ही नहीं, विश्व के लिए एक स्वर्णिम पृष्ठ बनने वाला है. बुलेट का रास्ता छोड़कर, बैलेट के रास्ते जाने का संकल्प किया. मैं उन सबको प्रणाम करता हूं जिन्होंने युद्ध से बुद्ध की तरफ जाने का फैसला किया. आपको आपकी मंजिल पर ले जाने का काम हमारा नहीं है.नेपाल एक सार्वभौम राष्ट्र है. हमारी इच्छा यह है कि यह देश हिमालय जैसी ऊंचाइयां हासिल करे. लोकतंत्र के अनुभवी होने के नाते हमारी इच्छा बस इतनी है कि संविधान जब बनकर आए तो वह ऐसा गुलदस्ता हो कि हर किसी को लगे कि मेरे हिस्से का फूल भी इसमें है. संविधान ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ हो. संविधान जोड़ता है, संविधान कभी तोड़ता नहीं है. संविधान विवादों को संवाद की तरफ ले जाने का एक माध्यम होता है. भारत आपके संघीय लोकतांत्रिक गणतंत्र की परिकल्पना का आदर करता है, बस इंतजार है कि जल्दी से जल्दी हो. नेपाल इतना धनी है कि बिजली की कमी को पूरा कर सकता है. और हम आपका पानी ऐसे नहीं लेना चाहते, खरीदना चाहते हैं. हम पानी भी आपका ऐसे नहीं लेना चाहते. वैसे भी कहावत है कि पानी और जवानी कभी पहाड़ के काम नहीं आते. पानी पहाड़ पर रुकता नहीं और जवान होने पर पहाड़ के लोग रोजगार की तलाश में निकल आते हैं. सिर्फ हिंदुस्तान को बिजली बेचकर भी नेपाल समृद्ध देशों में अपनी जगह बना सकता है. हम आपके साथ हैं. समझ लीजिए आज ही घोषणा कर दी. जब लक्ष्मण मूर्छित हो गए तो हनुमान संजीवनी लेने यहां आए. तमाम जड़ी-बूटियां हिमालय के गर्भ में पड़ी हैं. रिक्शा वाला भी कमाता है, पान वाला भी कमाता है, चाय वाला भी कमाता है. जब चाय वाले का नाम आता है तो मुझे आनंद मिलता है. एडवेंचर के मिजाज वाले पूरे विश्व के युवाओं को आप ललकार सकते हैं कि आइए कितना बड़ा अवसर है. नेपाल को लेकर मेरे तीन प्रमुख बिंदु हैं. हाईवेज, आईवेज (इंफोर्मेशन वेज) और ट्रांसवेज (ट्रांसमिशन). ये तीनों हम नेपाल को जल्दी से जल्दी मुहैया कराएंगे.

हम जितनी बिजली नेपाल को दे रहे हैं उसे बढ़ाएंगे. अभी नेपाल का अंधेरा हम दूर करेंगे और एक दशक के बाद नेपाल हमारा अंधेरा दूर करेगा. हमें लगता है कि जितना जल्दी हम नेपाल को अपने पास ला सकें, लेकर आएंगे. जमीन को खिसकाने का तो कोई विज्ञान अभी आया नहीं है. लेकिन अगर महाकाली नदी पर ब्रिज बन जाए तो हमारे और आपके बीच की दूरियां घट जाएंगी. इसी तरह बॉर्डर भी हमारे लिए बैरियर नहीं हो सकती, बॉर्डर ब्रिज बनना चाहिए.

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