अब तो मज़बूरी में बोलना ही पड़ेगा अच्छे दिन आ गए

modiएक गाँव में एक काना था सब लोग उसे एक आँख होने की वजह से काणा कह कर चिढाते थे। उसने सोचा की इन गाँव वालो को सबक सिखाता हूँ। उसने रात को 12 बजे अपनी दूसरी आँख भी फोड़ ली और पुरे गाँव में चिल्लाता हुआ दोड़ने लगा “मुझे भगवान दिखाओ दे रहें है अच्छे दिन दिखाई दे रहे है”,ये सुनकर गाँव वाले बोले अबे काणे तुझे कहाँ से भगवान या अच्छे दिन दिखाई दे रहें हैं। तो उसने कहा की रात को सपने में भगवन यानि अच्छे दिनों ने दर्शन दिया और बोले की अगर तू अपनी दुसरी आँख भी फोड़ ले तो अच्छे दिन दिखाई देंगे। इतना सुनकर गाँव के सरपंच ने कहा की मुझे अच्छे दिन देखने हैं। तो अँधा बोला की दोनों आँखे फोडोगे तभी दिखाई देंगे अच्छे दिन।

अनुपम
अनुपम

सरपंच ने हिम्मत करके अपनी दोनों आँखे फोड़ ली। पर ये क्या अच्छे दिन तो दूर अब तो उसे दुनिया दिखाई देना बंद हो गई। उसने अंधे से कान में कहा की अच्छे दिन तो दिखाई नहीं दे रहे। तो अँधा बोला सरपंच जी सबके सामने ये सच मत बोलना नहीं तो सब आप को मुर्ख कहेंगे इसलिए बोलो अच्छे दिन आ गए। इतना सुनकर सरपंच ने जोर से बोला मुझे भी अच्छे दिन दिखाई दे रहे हैं। इसके बाद एक एक करके पुरे गांव वालों ने अपनी आँखे फोड़ डाली और मज़बूरी में वाही बोल रहे थे जो सरपंच ने कहा । अच्छे दिन आ गये। यही हाल अच्छे दिन के समर्थको का है। आँखे तो फोड़ ली हैं अपने हाथों से अब तो मज़बूरी में बोलना ही पड़ेगा अच्छे दिन आ गए।
अनुपम अजमेरी की फेसबुक वाल से साभार

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