आखीर क्यो गये वकील हडताल पर

advocate logoकभी भी कोई भी वर्ग यदि संधर्ष
करता है तो बहुत कम लोग होते है जो जानने कि कोशीश करते
है कि आखीर क्यो हो रही है हडताल???
हां अलबत्ता ये कहते जरूर मिलते है साला आैर कोई काम
नही हैं। पहले प्रदेशव्यापी हडताल कि बात करेगें
हम। साधरण तोर पर वकील के पास विरोध जताने
का जो तरीका होता है कि न्यायीक कार्यो मे सहयोग न
देकर विरोध जताया जा सकता हैं। जिससे सरकार व न्यायीक प्रशासन
दोनो उनकी मांगो से अवगत हो सकें। इस बार
भी जयपुर बैंच किसी मांग को लेकर कुछ
एसा ही कर रही थी।
न्यायीक अधिकारीयो को ये गंवार
नही गुजरा व उन्होने
कार्यकारीणी को अवमानना नोटिस दे दिये।
इसी के विरोध मे ये हडताल कि जा रही हैं।
आप को यहां ये ज्ञात करा दुं
कि कभी भी वकील
का किसी भी मसले से सीधा कोई
लेना देना नही होता है। वो पक्षकारो कि बात पर
ही इस स्तर पर उतरता है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण
अभी जहाजपुर उपखण्ड को लेकर चल
रही हडताल हैं।
“आपको सबसे बडी बात बत्ता दुं कि ये हडताल व्यवस्था के विरोध
मे चल रही हडताल हैं।”
माग, बन्द, हडताल, अनसन, वार्ता, असहमति, वार्ता, नेगोसिएसन, बार्गेनिंग,
असहमति, रोष, वार्ता, असहमति……हमारा देश महान।
पर हमारे समाज के ही कई वर्ग इस आैर
अपनी समज नही बत्ता पाते हैं। इस पुरे प्रकरण से
सरकार व मिडीया ने तो मानो अपना मुंह ही मोड दिया ।
हद हो जाती हैं। ………………वकील
का अपना कुछ भी नही हेाता हैं। सब
पक्षकारो का ही है हीत ,अहीत
तो आप खुद समझे व साथ दे ।
” नुकसान आम जनता को ही हैं क्योकि लडाई है
आखीर आपकी”
दीपक पारीक
एडवोकेट
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